Book Title: Nandi Sutra Tika
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Page 479
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नंदी भा. *पत्रीजाप बना 8 वस्तु 60 चोथापूर्वना 10 दशवस्तुछे थे निश्चय चु० चुलिका वस्तु अध्ययन जाणावा तेह पा०पादिना४ च्यार पूर्वनावस्तुना * 488 अध्ययनले अने चु० चलिका वस्तु तेअध्ययनरूपनथी 3 से० तेएपु० पुर्वगत भेद कह्या 30 बीजो भेदपूचना कहियो से तेकि किस्यु त० अ० अनुयोग तेचोथो भेदप बनो दु० वेप्रकारे प० कहा 14 पूर्वना उत्पात अग्राय वीर्यप्र अस्ति भानप्र सत्यप्रबाद कर्म प्र प्रत्याख्या विद्याम अवध्य प्राणप्र कियावि लोगवि एवं सर्व नामलि० पूज्न। गोपूर्व वाद नास्ति वादपू० पूर्व धात्म वादपूर्व नप्रवाद वादपू पु०११ वादपूर सालपू विंदूसा संख्यापू 2 पूर्व प्रवाद४ 5 प्रवादमूर्ध्व 8 पूर्व ब१२ ब१२ रपु०१४ व 14 मधोगजसंख्या 1 2 4 8 1 324128 256 512 1024 20248 46 81821383 सर्वगज 14 पूर्वना १एक ७०ला ६०ला १कोडि २कोडि 26 को १कोडीला १कोडि २६को १कोडि कोडि १२कोडि इला ८३कोडि२३ पदांनीसं कोडिप खपद खपद पद० अनेईप डिपद ८०ला वपद १०मह डिपद पदसं पदसं 5 वाण खपद लाख 10 सत्र द० स्वपद श्रप या ख्या पदसं० को३ अने पदके तं नेह र मूलप्रथमानुयोग नेतीर्थ कराना पूर्वभवनी किया पाश्री कहिये गं० गंडिकानुयोगर मे तेकिंस्य मूक मल प्रथमानुयोग तेभगवन्त उत्तर कहेले म० मलप्रथमानुयोगने विषे तेइहां धर्मना प्रवादरूपक पणायकी मूलते तीर्थंकर देवते अरिहन्त भगवन्तनो प्रथम पहिलातो पूर्वभवनातप संजम सुचरित भलीपरे पाचस्याते अनुयोग कहिये तेअनुयोगनाषणा प्रकार कह्याछे प० परिहंतना भ० भगवन्तना पु पूर्वभवना दे देवलोकनेविषे ग० 業業職業装器器器暴涨涨涨涨業 示器黑米器業器紫辦辦諜器米米米米器器需講業業器 For Private and Personal Use Only

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