Book Title: Nandi Sutra Tika
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Page 462
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नंदी टी. सूब 柴端端樂器狀諾繼器端米諾米米米米米米諾 काला: संख्य यानि च पदसहखाणि पदसवाष्टाधिकषट्चत्वारिंचलच प्रमाणानि वेदितव्यानि सेकिंतमित्यादि अथ कानि प्रश्नव्याकरणानि प्रश्न: * प्रतीत सद्विषयं निर्वचनं व्याकरणं तानि च बहूनि ततो बहुवचनं तेषु प्रश्नव्याकरणेषु अष्टोत्तरं प्रश्नथतं या विद्यामंत्रा वा विधिना नप्यमाना पप्रष्टाए * वसंत: शुभाशुभं कथयंति ते प्रत्रा सेषामष्टोत्तरशतं या पुनर्विद्यामंत्रा वा विधिना जप्यमाना मष्टा एवं शुभाशुभं कथंयति ते अप्रश्नाः तेषामहोत्तर शतं तथा ये दृष्टाः भटष्टाच कथयंति ने प्रश्नाः तेषामप्यष्टोत्तरशतमाख्यायते तथान्य पि विविधा विद्यातिशयाः कथ्यते तथा नागकुमारैः सुपी कुमारै या एवंविणाया एवंचरणकरणपरूवणा आविज्जइ सेतं अणुत्तरोववाड्यदसाोर सेकिंतं पण्हावागरणाई परहा वागरणसुणं अत्तरं पसिणसयं अंटुत्तरं पसिणापसिणसयं तंजहा अंगुट्टपसिणाई बाहुपसिणाई अदागपसिणाई भा. भाव पदार्थ आ सामान्य प्रकारे करीने कह्या जा० जावत शब्दमे सर्वपाठ उ० उपमा सहित से तेए0 इम पात्माने नाण हुबे ए०. म विशेषधी जाणे एक दूमचरण सतरीक करण सत्तरी७०५० परुपणा कहिले पा० सामान्य पणे कह्याछे से लेक म०पनुत्तरोपपातिक दशानवमा चंगा सेते कि किस्य प० ते प्रश्नानी वा वागरणा ते प्रश्ननासे कडारुपने चंगुष्ट वा प्रश्नादि कमंत्र विद्या पाठांतरे गुण उत्तर कोके प० प्रश्रयाकरणने विषे अ० * * अंगुष्टादिकना प्रनते 108 तथा एकसो पाठ प्रश्न पूछ्यानो उत्तर कह्याले म उपदेस अदीधा थका सुभासुभ प्रश्न कह्याचे ते 108 प्रश्न पण पूच्या उपदेस्याले अ० शुभाशुभ वली विद्या तेहनासे कडा तथा अनेरापिशा विद्याना अतिसय वपनवसी करणादिक एकसो भने पाठ प्रश्न पूछ्या थको भण पच्या जते प्रश्ननो उत्तर दीधोतंते जिमछे तिम कहेले ते विद्यालधिने प्रभाविः गुठो बोला वा तिमन वाजयोलावे समारदिर प० तिमन 黑茶器紫装柴柴柴柴柴展業来养养需柴柴柴柴柴業業職能 भाषा For Private and Personal Use Only

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