Book Title: Nandi Sutra Tika
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kallassagarsur Gyanmandir नंदी सू० 米諾雅米諾諾嘴器諾諾諾器端諾諾米米米米米 एणं सुकडटुकडाणं कमाणं फलविवागे बाधविन्ज तत्थणं दसदुहविवागाणं नगराई उज्जाणाईवणसंडाईचेइयाई समोसरणारायाणो अम्मापियरो धम्मायरिया धम्मकहायो इहलोइयपरलोय इडिविसेसा निरयगमणाई संसार भवपवंच दुहपरंपरायो दुकुलपवायाईयो दुल्लहबोहियत्तं श्रापविज्जद् सेतंदुहविवागा सेकिंतं मुहविवागा मुहवि वागेमुणं सुहविवागाणंनगराई उज्जाणाई वणसंडाई चेद्यासमोसरणा रायाणो अम्मापियरो धम्मायरि याधम्मकहाओ इहलोइयपरलोइया इडिविसेसा भोगपरिवाया पव्वज्जाओ परियाया सुयपरिगहा तवोवहाणाई संलेहणाश्रो भत्तपञ्चकवाणाई पाओवगमणाई देवलोगगमणाई सुहपरंपराओ मुकुले पव्यायाईयो पुणबोहिला भा अंतकिरियाोय आपविज्जति विवागसुयस्मणं परित्तावायणा संखिज्जाअणुशोगदारा संखिज्जावेटा संखि ज्जासिलोगा संखिज्जाबो निज्जुत्तोओ संखिज्जाओसंगहणोश्रो संखिज्जाबो पडिवत्तौओ सेणं अंगठ्याए इक्कारसमे अंगेदोमुयखंधा वीसं अज्झयणावीसं उद्दसणकाला वीसंसमुसणकाला संखिज्जाई पयसहरमाई पयग्गेणं संखिज्जा नो परिणाम तेहनो प्ररूपक मु० मुकृत ते सुभकर्म तथा दु० दुकृतते असुभ कर्म का एहवा कर्मना फ० फल विपाकले ते विपाक रुप फल दुख अने सुखते था सामान्य पणे कह्या न० तिहांते मांहि ददश अध्ये न दुदुख विपाकना ते कागा पुत्रादिकना द० दस अध्येन सु० मुख विपाकना नेमुवा * कुमारादिकना से ते कुण दु० दुख विपाकर नि० नरक गमन वली भगवंत गोतम भिक्षा लेवाने नगर.मांहि प्रवेश करे सं० संसारनो प्रतिबंधते 樂器器諾器杀器黑米米諾諾樂業諜米脂米器器黑米浆辦業 भाषा k For Private and Personal Use Only

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