Book Title: Nandi Sutra Tika
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नंदी टी. 紫器業難装养器業業業諾米諾諾基業署器 शिभरेगावयगो विमुक्कवरकुसुमगंधवासाउबयरत्ता ताहेसे समगाम पुरतोठिच्चा अंतदिए कयंजलीउवउत्त संवेगविमुज्ममाणेभवसाणे तमन्मावणं * सुगासायचिवसमत पक्रायणे भगादू भयमुझाडूयंर बरंवरेहित्ति ताहे से दूलोयनिष्यबामे समतामुत्ताललेछ कंचणे सिद्धिवररमणिपडिवड्वनि भरागारागे समग पडिभाइ नमेभोवरेण अहोत्ति ततोसे अरुणो देवे अगियराजोयम वेग पथाहियांकरता बंदइनमसडू वंदित्तानमंसित्ता पडिगच्छा एवंगरुडोपपादिष्वपि भावनाकार्या तथाउत्थानश्रुतमिति तथाउत्थानमुहम सतत ऋतमुत्थानश्रुतं तच्च श्रृंगनादितकार्यउपउज्यतेप्रवचूर्गिकारकृताभा ___मणोववाए वेलंधरोववाए देवंदोववाए उठाणसुए समुट्टाणसुए नागपरियावलियाओ निरयावलियाोकप्पियायोक HARMA 样器兼器辈辈業需器兼器業养器影器需兼器 पछे प्रच्छ नयको प्रसंगी कहे 18 व एसूत्वगुणतां थकां वरुणता देवता तुरत आवे ते वरुणो बई सत्र कहीये गु एमत्र गुणतां थको गुरुलोववादू व्य तरविशेष देवता तुरतावे 20 ध०एसूत्रगुणातायाधरणनामा देयतातरसबाबे तेधरणोपपाति सत्र कहीये 22 वे०एसूत्व गुणता थका वेलंधरनामादेव ah तातुरत यावे ते येलधरो सब कहीये 23 दे०एमत्र गुणता थका देवेन्द्रदेवतातुरत यावेते देविंद्र दोववार सूत्र 24 उ०एजे सूत्र दैर्षा पाणीग्रामादिक HE उपरे तिवारे वेविणे एकाग्रचित पणे गणे विषम पासणे जिवारे तेलोक आकुल याकुल था तिवारे धायादोडे 25 स समुताण असते सोमदृष्टि श्रा णोते भणे गुणे वा रवे विण तिवारे ते लोक अनाकुल मुखी थार 26 नाते जेण सत्रगुणे नाग कुमार देवता प्रणमे ते मउमायकरे जे समणनिग्रं * * थफेरीर गुण तिवारे संकल्प उपजे ते नागदेवता ते समणने समता सन्मान कर सिघटना करे तिवारे ते मानता करे 27 नि जरा पावलिका प्रब टी' तेस्वरुपनाये नरकावासा पुप्फावकीर्ण तेहने विषे१० जीव कसौधर्मादिक देवलोकने विषे उपनो विचार जिहां ग्रन्ध माहि लाभे २९क०जेह भाषा HEENEW For Private and Personal Use Only

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