Book Title: Nandi Sutra Tika
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Page 449
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kallassagarsuri Gyanmandir नंदी टी KENKERH 张業兼差兼職職業業職業影器業叢叢叢叢叢器 * चाह वरिः विवाहे णमित्यादि व्याख्यानां जीवाव्याख्यायं ते शेषमाभिगमनं पाठसिद मेकितमित्यादि पथ कास्तानाताधर्म कथा ज्ञातानि उदाहरणानि तत्प्रधानाधर्मा कथा अथवा ज्ञातानि चाताध्ययनानि प्रथमथुतस्कन्धे धर्म कथा द्वितीये श्रुतस्कन्धे यामुग्रंथपद्धतिषु जाताधर्म कथाः पृषोदरादित्वा स्माई दस समुहसगसहस्साई दससमुह सण छत्तीसंवागरणसहस्साई दो लक्खाग्रहासौह पयसहस्साई पयग्गेणं संखिज्जा अक्खरा अणंतागमा अणंतापज्जवा परित्तातसा अर्णता थावरा सासयकडनि बदनिका या जिणपणत्ता भावा आपविजंति पणविजंति परूविज्जति दंसिउति निदंसिउर्जति स्वदंसिर्जति सेएवं आया एवंनाया एवं विमाया एवंकरणचरण परूवणाा पविज्जइसेतं विवाहे 5 सेकिंतं नायाधम्मकहाधो नायाधम्मकहायो नायाणं कमी पंक्तिरूप मे० ते अंग अर्थपणे ते चंग पाश्री पंपांचमे मंगे ए0 एक श्रुतस्कन्धमा० झाझरा अ० अध्ययनछ सर्व सतक रुप एतला 141 सर्वशत * करू ८०सहन उदेसा रुप संखपार्थ कथन: दस सहन समुद्दे मन ते पूच्यानो छ०समण भगवंता प्रते छवीस सहय प्रमाण दो०वेला खुमने घअद्या * सौ८८ सहश्र पदपरिमायले प०अनंता पदर ते पदाना पर्वायना भेद प०परिता बसले घ० अनंता स्थावर ते वनस्पति पायी जाणवा सान्द्रयार्थ करी नि० सूत्रार्थे नि निकात ते हेतु दृष्टांत करीने जि० श्रीवीतराग देवे UP भाव अ० संक्षेपे असंख्याताछे प० नामादिक भेदनो 50 सामान्य प्रकारे द उपमा करीने नि हेतु दृष्टांते करौ उ उपमा करीने से ते एम पाचाना दिक आमानो याचारके ए० एम चरण सत्तरी ना. बोल क. करण सत्तरी ना 70 बोल प• एतला नीवपणा मा० सामान्य, पणे कह्या से ते के हल ना. साताधर्म कथान्याय उदाहरण 諾諾業業業樂業樂業開辦課亚 For Private and Personal Use Only

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