Book Title: Nandanvan Kalpataru 2018 06 SrNo 40
Author(s): Kirtitrai
Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti
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गुरुकृपायाः फलम् को मूर्खः ? कृतज्ञता समतायाश्चेतना
विदुषां सर्वत्र समत्वम् मर्म नर्म
सा. ध्यानरसाश्रीः सा. पुण्यधराश्रीः सा. तत्त्वनन्दिताश्रीः सा. संवेगरसाश्रीः सा. कल्याणरसाश्रीः कीर्तित्रयी मुनिश्रुताङ्गरत्नविजयः
प्राकृतविभागः
प्राकृतव्याश्रयमहाकाव्यस्य संस्कृतानुसर्जनम् पाइयविन्नाणकहा
पं. नरेन्द्रचन्द्रझा स्व.आ.श्रीविजयकस्तूरसूरीश्वराः

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