Book Title: Nandanvan Kalpataru 2018 06 SrNo 40
Author(s): Kirtitrai
Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti
View full book text
________________
सर्वकर्मसाधकम् ॥
डो. वासुदेवः वि. पाठकः 'वागर्थ'
शास्त्रधर्मपालनं राष्ट्रधर्मपालनम् भद्रभाववर्धकं सर्वकर्मसाधकम् ।।...
शास्त्रधर्मपालने सुज्ञता समन्विता, सत्यधर्मशासने भारतीयता मता; शास्त्रधर्मं वरं सर्वलोकसौख्यदम् भद्रभाववर्धकं सर्वकर्मसाधकम् ॥...
संवादं संगति साधयित्वा वराम् कामयामहे सदैव कर्मनिष्ठां पराम्; भावयामहे सदैव मानवान्परस्परम् भद्रभाववर्धकं सर्वकर्मसाधकम् ।।...
केवलं न भौतिकं पारमार्थिकं परम् धर्मकर्मसेवने नैवाऽस्ति दुःखदम्; ऋषिवरैश्च मुनिवरैः एवमेव दर्शितम् भद्रभाववर्धकं सर्वकर्मसाधकम् ।...
३५४, सरस्वतीनगर, अहमदाबाद-१५
Ph. : 079 26745754

Page Navigation
1 ... 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92