Book Title: Meri Golwad Yatra Author(s): Vidyavijay Publisher: Devchandji Pukhrajji Sanghvi View full book textPage 9
________________ a नहीं - यही इसकी लक्षों वर्ष पूर्व की सभ्यता को मनाने में अड़चन आ जाती है । इतिहास की दृष्टि से सचमुच सम्राट् अशोक का स्थान बहुत ही ऊँचा है । अशोकने अपने राज्य में स्थान स्थान पर शिलाओं पर, स्तूपों पर, मीनारों पर अनेक आदेश खुदवा कर इतिहास के बीज डाले । इसके पश्चात् तो फिर यह अभिरुचि बढ़ चली और आज तक बढ़ती चली आ रही है । बस, हमारा जो कुछ इतिहास मिलता है वह अशोक के बाद ही मिलता है । अब तो कवि अपने काव्य में स्वयं अपना परिचय लिख देते हैं । राजा, महाराजा, राष्ट्रपति, देश के उद्धारक, सुधारक सभी के क्रम-बद्ध जीवन लिखे जा रहे हैं । यात्रीगण अपनी महत्व - पूर्ण यात्राओं का वर्णन अख़बारों और पुस्तकों में प्रकाशित करवा देते हैं । यह सब वर्त्तमान इतिहास की रक्षा के लिये बहुत सुन्दर उपाय हो रहा है । भविष्य में हमारा इतिहास इसी सामग्री पर तो बनेगा और वह एक मात्र सच्चा होगा | भारत एक जाति का नहीं है। जैन, बौद्ध, सिख, हिन्दू, इसाई, पारसी, यहूदी, मुसलमान और न मालूम कितनी अन्य जातियों का यह आवास है और सभी जातियाँ अपनी मुख्यता रखती है । फिर धर्म भी सब के भिन्न हैं । अतः सब का अस्तित्व भी और अधिक भिन्न है । सभी Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.comPage Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 110