Book Title: Meri Golwad Yatra
Author(s): Vidyavijay
Publisher: Devchandji Pukhrajji Sanghvi

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Page 40
________________ ३३ wwwod rame aa orm or aroora - ८३ खुडाला श्रीधर्मनाथ १ १२/१९०/ ८४ फालना-स्टेशन १ श्रीपार्श्वनाथ ८५ पोमावा | श्रीशान्तिनाथ ८६ कोलीवाड़ा श्रीशान्तिनाथ ८७ पेरवा श्रीशान्तिनाथ ८८ बीजापुर श्रीसंभवनाथ ८९ रातामहावीर' महावीरस्वामी ९० बीसलपुर श्रीधर्मनाथ ९१ सेवाड़ी श्रीवासुपूज्य । महावीरप्रभु ९२ लुणावा श्रीपद्मप्रभ । श्रीऋषभदेव । ९३ लाठारा श्रीऋषभदेव ९४ मुडारा ३ श्रीशान्तिनाथ ९५ कोट वालियांरो १ श्रीशान्तिनाथ ९६ धुणी १ श्रीशान्तिनाथ ९७ लासरो गुड़ो १ गोड़ीपार्श्वनाथ ९८ सिन्दरु |१| श्रीशान्तिनाथ १ प्राचीनकाल में यहाँ 'हस्तितुण्डी' नामकी नगरी आबाद थी-जिसके अवशेष अब भी विद्यमान हैं। ओसवालों में जो हथुडियाराठौर कहाते हैं वे यहीं के आदि निवासी हैं । वर्तमान में वीरप्रभु की प्रतिमा लालरंग की होने से इसका नाम 'राता-महावीर ' पड़ा है । अब यहाँ पर मन्दिर के सिवा आबादी बिलकुल नहीं है । २ यह मन्दिर चोवीस जिनालय है। दूसरा गृहमन्दिर है जिसमें मूलनायक पार्श्वनाथ और चन्द्रप्रभस्वामी हैं। तीसरा मन्दिर बाह्योद्यान में सांडेराव जानेवाली सड़क के वायें किनारे पर शिखरबद्ध है, इसमें आदिनाथ की प्रतिमा स्थापित है। SOAMRO Morrow Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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