Book Title: Meri Golwad Yatra
Author(s): Vidyavijay
Publisher: Devchandji Pukhrajji Sanghvi

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Page 108
________________ ९९ विषय - सूचि । विषय १ इतिहास में जैनतीर्थों का स्थान । २ जैनों की तीर्थ-स्थापत्य - कला का उत्कर्ष । ३ यात्रा की आवश्यकता और पारमार्थिक लाभ | ४ श्रीसंघों का निष्क्रमण और लक्ष्मी का सदुपयोग । ५ प्राचीन काल में संघ - निष्क्रमण । ६ जैनधर्म की दृष्टि से मरुस्थल का महत्व | ७ गोड़वाड़ प्रान्त में जैन आबादीवाले गाँव । ८ गोड़वाड़ - पंचतीर्थी और संघ का निष्क्रमण । १ श्रीवरकाणा - तीर्थ | २ श्री नाडोल - तीर्थ । ३ श्री नाडलाइ - तीर्थ | ४ श्रीसुमेर ( सोमेश्वर ) तीर्थ | ५ श्रीमहावीरमुछाला - तीर्थ | ६ श्रीराणकपुर - तीर्थ | ९ श्रीगुरुदेवका जयन्ति - उत्सव । 7:45 Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat पृष्ठ १ ११ १३ १६ १९ २३ २८ www.umaragyanbhandar.com

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