________________
२८
धानी नाडोल थी। मेवाड एवं गुजरात के शासकों पर भी यहाँ के चौहानराजाओं की धाक थी। इस समय बाली परगने का क्षेत्रफल ८३४ वर्गमील है। यहाँ से एक पक्की सड़क फालना, सांडेराव हो पाली तक चली गई है। बाली कसबे में कुल आबादी दो हजार घरों के करीब है-जिनमें ओसवाल-पोरवाड़ जैनों के ५५० घर आबाद हैं । यहाँ हाकिम कचहरी
और पोस्ट ऑफिस भी है । गोड़वाड़ परगना इतर परगनों से उपजाऊ, धर्मभावना से भावित और जैनतीर्थ-धामों का केन्द्र है। यहाँ के जंगलों में झाड़ी भी काफी है-जिनमें नीम, बंबूल, आम, आवल, केर, पीलू, आदि के वृक्ष अधिक हैं। खेतों में प्रायः सभी जाति के धान्य पैदा हो सकते हैं, परन्तु जुआर, बाजरी, चने, गेहूँ बहुतायत से पैदा होते हैं। ७ गोड़वाड़ प्रान्त में जैन आबादी वाले गाँव___ इस परगने में कुल ३६० गाँव आबाद हैं उन सभी का वर्णन लिखने का अवकाश इस पुस्तकरूप ट्रेक्ट में नहीं है । इसलिये यहाँ जैन-आबादीवाले गाँव, उनमें जैनों की घर-संख्या, जिन-मन्दिर, मूलनायक के नाम, जैनधर्मशाला, और उपाश्रय आदि की परिचायक तालिका दे दी जाती है जो संक्षिप्त हाल जानने के लिये काफी है।
Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat
www.umaragyanbhandar.com