Book Title: Maran Bhoj
Author(s): Parmeshthidas Jain
Publisher: Singhai Moolchand Jain Munim

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Page 11
________________ जोशकी ऐसी ज्वाला भड़काये जो रूढिभक्तों और दकियानूसों के बुझाये न बुझे। स्वर्गीय श्री० मगनलाल उत्तमचन्दजी सरैयाका जन्म सुरतमें विक्रम सं० १९४८ में हुआ था। आप नृसिंहपुरा दि० जैन थे। मापने गुजरातीका सामान्य ज्ञान प्राप्त करके सरैया (गंधीगिरी) का व्यवसाय शुरू किया। और उसमें अच्छी कामियाबी हासिल की। भापको पुस्तकें लिखने और स्वाध्याय करनेका बड़ा शौक था।भापका स्वर्गवास मार्गशीर्ष शुक्ला १० सं० १९७४ में भसमयमें ही होगया था। आपके दो पुत्रियां और एक पुत्र हुमा । उनमेंसे वर्तमानमें पुत्र श्री० साकेरचन्द मगनलाल सरैया हैं, जो अत्यन्त उत्साही, व्यवसायी युवक हैं। आपने देशसेवा करते हुए जेलयात्रा भी की है। एक सच्चे सुधारकके मानिन्द मापने अपना अन्तर्जातीय (दि. जैन मेवाड़ा जातिमें) विवाह किया है। मापने अपने पिताजीके स्मरणार्थ इस पुस्तक के प्रकाशनमें ८०) प्रदान किये हैं। - श्री. पं० मंगलप्रसादजी जैन शास्त्री ललितपुर सुधारक युवक विद्वान हैं। आपके ड़े माई श्री. रामप्रसादजी सिंघईकी धर्मपत्नीका कुछ ही समय पूर्व असमयमें ही स्वर्गवास हो गया है । मापने उनका मरणभोज नहीं किया और इस उपयोगी पुस्तकके प्रकाशनार्थ २५) प्रदान किये हैं। निवेदक नारायणप्रसाद जैन B Sc. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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