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अलिप्तता है ब्राह्मणत्व
कर लेती है। उसके स्तन में उभार आयेगा और जननेंद्रिय में विद्युत की व्यवस्था की गयी है कि वह आपके वीर्य को शोषित कर लेगी। ठीक ऐसे ही पुरुषों के गुड्डे भी तैयार किये गये हैं।
पशुओं के साथ ही नहीं, महावीर को खयाल भी नहीं... । महावीर ने तीन की गिनती गिनायी है, लेकिन उन्होंने यह नहीं कहा है, वस्तुओं के साथ भी मनुष्य काम-संबंध निर्मित कर सकता है। मनुष्य का मैथुन इतनी प्रगाढ़ बात है कि उसे एक तरफ से हटाओ वह दूसरी तरफ से प्रगट होना शुरू जाता है T
देवताओं के साथ भी मनुष्य की कामना होती है। वह हमें जरा कठिन लगेगा। पशुओं का भी समझ में आ सकता है, क्योंकि पशु हमारे चारों तरफ मौजूद हैं। वस्तुओं का भी समझ में आ सकता है, क्योंकि वस्तुएं हम निर्मित कर सकते हैं, यंत्र भी निर्मित कर सकते हैं। लेकिन जिस तरह हमें आज पशु और यंत्र निकट मालूम पड़ते हैं, महावीर के वक्त में देवताओं की उपस्थिति भी उतनी ही निकट थी। आज भी उतनी ही निकट है, हमारी संवेदनशीलता क्षीण हो गयी है ।
आप जानकर हैरान होंगे कि मनुष्य के आस-पास अशरीरी आत्माएं हैं। बुरी आत्माओं को हम प्रेत कहते हैं, अच्छी आत्माओं को देवता कहा जाता है। पर मनुष्य के आस-पास अशरीरी आत्माएं मौजूद हैं। और कोई व्यक्ति अगर बहुत प्रगाढ़ मन से मैथुन की आकांक्षा करे तो उन अशरीरी आत्माओं को आकर्षित कर सकता है और मैथुन हो सकता है। कई बार जब आप स्वप्न में मैथुन कर लेते हैं, तो जरूरी नहीं कि वह स्वप्न ही हो। इसकी बहुत संभावना है कि कोई अशरीरी आत्मा संबंधित हो। इस संबंध में बहुत खोजबीन की जरूरत है। मनुष्य की कामना आकर्षण का बिंदु बन जाती है। और जहां भी वासना हो, वहां से खिंचाव शुरू हो जाता है।
एक घटना जो पिछले सौ वर्षों से निरंतर अध्ययन की जा रही है, मनसशास्त्री अध्ययन में लगे हैं, वह मैं आपको कहना चाहूंगा तो खयाल में आ सके। बहुत बार ऐसा होता है, आपको भी शायद अनुभव हो, सुना हो या किसी के घर में हुआ हो, बहुत बार ऐसा हो जाता है कि घर में अचानक चीजें हिलने-डुलने लगती हैं, और कोई प्रगट कारण नहीं मालूम होता। आपने किताब टेबल पर रखी है,
गिरकर नीचे आ जाती है। आपने बर्तन बीच में टेबल पर रखे हैं, वह सरक कर किनारे पर आ जाते हैं। आपने खूंटी पर कोट टांगा है, वह एक खूंटी से उतर कर दूसरी खूंटी पर चला जाता है। लोग कहते हैं कि घर में प्रेत-बाधा हो गयी है। मनसविद सौ साल से इसका अध्ययन कर रहे हैं कि हो क्या रहा है! और हर बार यह पाया गया कि ऐसी घटना जब भी किसी घर में घटती है, तो उस घर में कोई जवान युवती होती है, जिसका मेंनसीज शुरू होने के करीब होता है या शुरू हो रहा होता है। हमेशा ! जब भी ऐसी घटना किसी घर में घटती है तो कोई युवती होती है जो अभी कामवासना की दृष्टि से प्रौढ़ हो रही है, और उसकी प्रौढ़ता इतनी प्रबल है कि उस प्रबलता के कारण प्रेतात्माएं आकर्षित हो जाती हैं। अब इस पर वैज्ञानिक अध्ययन काफी निर्णय ले चुका है। उस स्त्री को, उस युवती को घर से हटा दिया जाये, यह उपद्रव बंद हो जाता है। वह जिस घर में जायेगी, वहां उपद्रव शुरू हो जायेगा। यह भी पाया गया है कि कुछ घरों में अचानक कपड़ों में आग लग जाती है। कोई कारण नहीं मालूम पड़ता। और जितने अब तक अध्ययन किये गये हैं इस तरह के मामलों में, पाया गया है कि घर में कोई युवक हस्थमैथुन करता होता है। इस हस्तमैथुन करने वाले युवक को हटा दिया जाये, तो घर में आग लगने की घटना बंद हो जाती है ।
हस्तमैथुन की स्थिति में प्रेतात्माएं सक्रिय हो सकती हैं। जब भी व्यक्ति कामवासना से बहुत ज्यादा भरा होता है तो अदेही आत्माएं भी संलग्न हो जाती हैं, और सक्रिय हो जाती हैं, और उनकी सक्रियता बहुत तरह की घटनाओं का कारण बन सकती है । प्रेतात्माएं भी अकसर उन्हीं लोगों में प्रवेश कर पाती हैं, जो कामवासना को इतना दबा लिये हैं कि जीवन के सहज शारीरिक संबंध स्थापित नहीं कर पाते; तो फिर उनके देहरहित आत्माओं से वासना के संबंध स्थापित होने शुरू हो जाते हैं ।
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