Book Title: Mahavira Vani Part 2
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna

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Page 591
________________ माटी कहै कुम्हार सूं मैं धार्मिकता सिखाता हूं, धर्म नहीं झेन, सूफी और उपनिषद की कहानियां बिन बाती बिन तेल सहज समाधि भली दीया तले अंधेरा नये समाज की खोज नये भारत की खोज नये भारत का जन्म नारी और क्रांति शिक्षा और धर्म भारत का भविष्य तंत्र संभोग से समाधि की ओर तंत्र-सूत्र (पांच भागों में) योग पतंजलिः योग-सूत्र (पांच भागों में) योग : नये आयाम ध्यान, साधना ध्यानयोगः प्रथम और अंतिम मक्ति नेति-नेति चेति सके तो चेति हसिबा, खेलिबा, धरिबा ध्यानम् समाधि कमल साक्षी की साधना धर्म साधना के सूत्र मैं कौन हूं समाधि के द्वार पर अपने माहिं टटोल ध्यान दर्शन तृषा गई एक बूंद से ध्यान के कमल जीवन संगीत जो घर बारे आपना प्रेम दर्शन बोध-कथा मिट्टी के दीये विचार-पत्र क्रांति-बीज पथ के प्रदीप पत्र-संकलन अंतर्वीणा प्रेम की झील में अनुग्रह के फूल राष्ट्रीय और सामाजिक समस्याएं देख कबीरा रोया स्वर्ण पाखी था जो कभी और अब है भिखारी जगत का शिक्षा में क्रांति साधना-शिविर साधना-पथ मैं मृत्यु सिखाता हूं जिन खोजा तिन पाइयां समाधि के सप्त द्वार (ब्लावट्स्की ) साधना-सूत्र (मेबिल कॉलिन्स) 577 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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