Book Title: Mahavira Vani Part 2
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna

View full book text
Previous | Next

Page 592
________________ ध्यान-सूत्र जीवन ही है प्रभु असंभव क्रांति रोम-रोम रस पीजिए अंतरंग वार्ताएं संबोधि के क्षण प्रेम नदी के तीरा सहज मिले अविनाशी उपासना के क्षण अंतर की खोज अमृत की दिशा अमृत वर्षा अमृत द्वार चित चकमक लागे नाहिं एक नया द्वार प्रेम गंगा समुंद समाना बुंद में सत्य की प्यास शून्य समाधि व्यस्त जीवन में ईश्वर की खोज अज्ञात की ओर धर्म और आनंद जीवन-दर्शन जीवन की खोज क्या ईश्वर मर गया है नानक दुखिया सब संसार नये मनुष्य का धर्म धर्म की यात्रा स्वयं की सत्ता सुख और शांति अनंत की पुकार विविध मैं कहता आंखन देखी एक एक कदम जीवन क्रांति के सूत्र जीवन रहस्य करुणा और क्रांति विज्ञान, धर्म और कला शून्य के पार प्रभु मंदिर के द्वार पर तमसो मा ज्योतिर्गमय प्रेम है द्वार प्रभु का ओशो के आडियो-वीडियो प्रवचन एवं साहित्य के संबंध में समस्त जानकारी हेतु संपर्क सूत्रः । साधना फाउंडेशन, 17 कोरेगांव पार्क, पुणे 411001 फोन : 0212-628562 फैक्स: 0212-624181 578 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 590 591 592 593 594 595 596