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भिक्षु की यात्रा अंतर्यात्रा है
पहनने के लिए बनाये गये हैं-बिलकुल ढीले, साधु-वेश के। फिर वह चाय बनाना शुरू करेगी। और चाय बनाना पूरा एक रिचुअल है, जैसे पूजा कर रही हो । एक-एक चीज को इतनी व्यवस्था से करेगी, और सारे लोग बैठकर निरीक्षण करेंगे। केतली उबलने लगेगी। चाय की धीमी-धीमी आवाज आने लगेगी। और सब शांत बैठकर उस चाय की आवाज को सुन रहे हैं। ___ यह भी ध्यान का हिस्सा हो गया। फिर वह चाय जब दी जायेगी तो उसको बड़े पवित्र भाव से ग्रहण करना है, वह पूजा है । फिर उस
चाय की चुस्कियां लेते वक्त ध्यान रखना है कि सजगता बढ़े और चाय के बाद ध्यान में उतर जाना है। ___अब बड़ा मुश्किल है। किसको साधु कहिये, किसको असाधु कहिये? मुसलमान फकीर को देखकर हम मान नहीं सकते कि साधु है। मुसलमान फकीर हमारे संन्यासी को देखकर नहीं मान सकता कि साधु है।
मुहम्मद ने नौ विवाह किये-नौ ! हम तो एक के लिए भी महावीर को आज्ञा नहीं दे सकते । महावीर ने विवाह किया है, ऐसा लगता है। लेकिन उनका एक सम्प्रदाय, दिगम्बर, मानता है कि नहीं किया । क्योंकि दिगम्बर सम्प्रदाय को यह बात ही बेहूदी लगती है कि महावीर
और विवाह करे! यह बात ही बेहूदी है। किया भी हो- लगता है कि किया है, क्योंकि उनकी लड़की के नाम का उल्लेख है; उनके दामाद के नाम का उल्लेख है। अगर महावीर ने विवाह न किया होता तो उनकी लड़की के नाम का और उनके दामाद के नाम का उल्लेख कहां से आ जाता? और कौन फिक्र करता है कि झूठ उनका विवाह करवाओ! लेकिन माननेवालों को जरा पीड़ा लगती है क्योंकि बड़ी सख्ती से उसने ब्रह्मचर्य की धारणा को पकड़ा है, और अपनी धारणा को वह महावीर पर आरोपित करता है, उनको विवाह नहीं करने देता।
मुहम्मद नौ विवाह करते हैं, तो दिगम्बर जैन सोच भी नहीं सकता कि मुहम्मद में कुछ भी हो सकता है। वह सोचेगा, उससे तो हम ही बेहतर, कम से कम एक ही विवाह किया है। लेकिन अगर मुसलमान से पूछे, जिसने मुहम्मद को प्रेम किया है और श्रद्धा की है, तो वह कहेगा कि मुहम्मद की यह साधुता है। ___ बड़ा मुश्किल है! क्योंकि मुहम्मद के वक्त में अरब में स्त्रियों की संख्या चार-गुनी ज्यादा थी पुरुषों से। क्योंकि पुरुष युद्ध में जाते, सैनिक बनते, कट जाते, पिट जाते, मर जाते; स्त्रियां बढ़ती चली जातीं। तो सारा मुल्क व्यभिचार में डूबा था। जहां एक पुरुष हो, चार स्त्रियां हों-सोचें, वहां क्या हालत होगी। सारा मुल्क व्यभिचार में था।
तो मुहम्मद ने नियम बनाया कुरान में कि चार विवाह प्रत्येक व्यक्ति करे, कर सकता है, ताकि उस व्यभिचार से छुटकारा हो। और मुहम्मद से जिस स्त्री ने भी निवेदन किया--विधवायें, गरीब स्त्रियां, उन्होंने सबसे विवाह कर लिया-नौ विवाह किये, और इन सभी नौ स्त्रियों को मुहम्मद ध्यान, पूजा और प्रार्थना की तरफ ले गये।
आपकी कितनी स्त्रियां हैं, यह सवाल नहीं है। आप उनको कहां ले जा रहे हैं, यह सवाल है। अपनी स्त्री को आप अपने साथ नरक ले जायेंगे। वह भी साथ दे रही है। दोनों का कोआपरेशन है। दोनों नरक की यात्रा कर रहे हैं। दोनों एक ही गाड़ी के दो पहिये हैं; नरक की तरफ जा रहे हैं। ___ मुहम्मद उन नौ स्त्रियों को, जितनी ऊंचाई तक ले जाया जा सकता है, ले गये । और मुहम्मद का विवाह निश्चित ही, आप जैसा विवाह
करते हैं, वैसा विवाह नहीं है, क्योंकि मुहम्मद की उम्र थी चौबीस वर्ष, उन्होंने जब पहला विवाह किया, और उस स्त्री की उम्र थी चालीस वर्ष । चौबीस वर्ष के जवान लड़के से पूछिये कि वह चालीस वर्ष की बूढ़ी स्त्री से शादी करने को तैयार है? चालीस वर्ष मुहम्मद के जमाने के, अब के नहीं है, क्योंकि अब तो चालीस वर्ष में भी स्त्री उतनी बूढ़ी नहीं हो पाती। मुहम्मद के वक्त में तो चालीस वर्ष खातमा था क्योंकि तब अठारह या बीस साल औसत उम्र थी। चालीस साल तो आखिरी बात थी। चालीस साल की स्त्री से जवान लड़के का विवाह करना
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