Book Title: Lekhendrashekharvijayji Abhinandan Granth
Author(s): Pushpashreeji, Tarunprabhashree
Publisher: Yatindrasuri Sahitya Prakashan Mandir Aalirajpur
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विषय
समर्पण संपादकिय
प्रकाशकिय
अभिनन्दन पत्र
आशिर्वाद शुभकामनाएँ
अनुक्रमणिका
अनुभव गम्य अनुभती मेरे दिक्षा दाता गुरुवर्य AM] रंगीन तस्वीरे
लेखक
ज्ञान आत्मा का गुण भी स्वरूप भी आत्मवाद के विविध पहलू
मुनि लोकेन्द्र विजय साध्वी पुष्पाश्रीजी
राजेश, जयंतीलाल, नाथुलाल जैन ट्रस्टीगण
राजस्थान जैन श्वे. मू. श्री संघ, मोहने कल्याण
द्वितीय खंड
विरल विभूति
लेखीका साध्वी तरुणप्रभाश्रीजी
गीत
संयम और साधना के प्रतिक पुज्य गुरुदेव श्री श्री जयंतिलाल जैन अलिराजपुर 'शितलजी' अभिनन्दन विरल व्यक्तित्व के धनी इतिहास सत्य का उद्गाता है कर्जत में जैन समाज में एकता एवं मोहने (कल्याण) में प्रतिष्ठा महोत्सव नेरल नगर में भव्य प्रतिष्ठा महोत्सव श्री पार्श्वपद्मावती माता का अपूर्व प्रभाव खोपोली में जिनेन्द्र भक्ति महोत्सव कल्याण चातुर्मास स्थल
मोहना नगर में गुरुसप्तमी ३ जनवरी १९९० कोंकण में धर्म प्रभावना कर्जत में अस्पताल का उद्घाटन कामाठपुरा में मंदिर की भव्य प्रतिष्ठोत्सव राजस्थान कि धन्यधरा पर जैन समाज में प्रथम शक्तिपीठ मानव सेवा एक उपक्रम
प्रथम खंड
वन्दनावली
(म.प्र.)
मुनि लोकेन्द्र विजय
मुनि लोकेन्द्र विजय पुखराज एस. जैन कल्याण
धनराजजी जैन चन्दनमल बी. मुथा
वस्तिमल जी. शाहजवाली (राज.)
लेखीका साध्वी रत्नरेखा लेखीका साध्वी कल्पदर्शिता
तृतीय खंड उपाध्याय अमर मुनि महाप्रज्ञ
पृष्ठ
३
४-८
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९
१०
१५-५६
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९९
१२९-१८४
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मन की पंखडियां जब एक्यता के सूत्र से पृथक हो जाती है तो प्रत्येक मानवीय प्रयत्न सफल नही हो सकते।
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