Book Title: Kaise Khole Kismat ke Tale
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 10
________________ लड़का तो वहाँ से चला जाता है लेकिन जिंदगी का एक पैगाम हम सब लोगों के लिए छोड़ जाता है कि कोई भी व्यक्ति अपने रंग, रूप और जाति के कारण महान नहीं होता, व्यक्ति अपने कर्मों के कारण ही उत्कृष्ट या निकृष्ट हुआ करता है। ____ मैं जिस व्यक्ति की कहानी सुना रहा हूँ वह ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो बचपन में एक काला-कलूटा, हब्सी जैसा चेहरा लिए हुए दुनिया के बाल मेले में पहुँचा था लेकिन जब उसने जीवन के ज़ज़्बातों को समझ लिया, जीवन के ज़ज़्बों को जगा लिया तो वह बच्चा, बच्चा न रहा, अपने जीवन में संघर्ष पर संघर्ष करते-करते, आगे बढ़ते-बढ़ते वही लड़का दक्षिण अफ्रीका का राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला हो गया। जिस दिन से चला हूँ मेरी मंज़िल पे नज़र है। आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा। जिन लोगों के भीतर आगे बढ़ने का ज़ज़्बा जग जाता है, वे तब तक विश्राम नहीं लेते जब तक उन्हें उनकी मंज़िल हासिल न हो जाए। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति अपने रंग, रूप और जाति के कारण छोटा और बड़ा नहीं होता। व्यक्ति के कर्म, गुण और जुझारूपन ही महान व्यक्तित्व के आधार होते हैं। कई लोग ऐसे होते हैं जो छोटे घर में पैदा होते हैं, लेकिन फिर भी ऊँचाइयों को हासिल कर लिया करते हैं और कई लोग ऐसे होते हैं जो बडे घरों में, अमीर घरों में पैदा होते हैं, लेकिन आगे चलकर ग़रीबी की फटेहाल जिंदगी बिताने को मजबूर हो जाते हैं । अमीर बाप का बेटा अमीर बना, कोई बड़ी बात न हुई। पर ग़रीब घर में पैदा होने वाला बच्चा अमीर बन गया, तो यह उसकी सफलता की कहानी हुई। एक चार्टर्ड एकाउटेंट का बेटा सी.ए. बन गया तो बड़ी बात न हुई क्योंकि जन्म से ही उसने वैसी परवरिश देखी है लेकिन जो बच्चा एक अनपढ़ और गँवार माँ-बाप के घर में पैदा होकर भी सी.ए., एम.बी.ए. या कम्प्यूटर कोर्स में हाई लेवल तक पहुँच गया तो यह हुई इंसान की कामयाबी की इबारत। यह इंसान के अपने पुरुषार्थ का परिणाम है, खण्डप्रस्थ को इन्द्रप्रस्थ बनाने का तरीका है। इंसान को अपने जीवन में सफलता की ऊँचाइयों को हासिल करना चाहिए और जब तक कोई व्यक्ति सफलताओं को न पा सका, ऊँची इबारतों को, ऊँचे | 11 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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