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समता की दृष्टि तो खाली हैं।'
• कोई पन्ना नहीं मिला? • पन्ना मिला, पर वह खाली है। लिख नहीं सका। • क्या कलम नहीं मिली? • कलम मिली, पर लिख नहीं सका। • क्या चाकू नहीं मिला? • चाकू मिला, पर चला नहीं। • स्याही भी मिली, पर लिखने को कुछ था ही नहीं। • क्या कोई दर्शन या विचार मिथ्या नहीं लगा?
• मुझे कोई दर्शन या विचार मिथ्या नहीं लगा, इसीलिए मैं उनकी तालिका नहीं बना सका।
शिष्य, तुम जाओ। तुम्हारा अध्ययन सम्पन्न हो चुका है। तुम उत्तीर्ण हो । ठीक ऐसी ही अन्य घटना मैं देख रहा हूँ। तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य आत्रेय ने जीवक से कहा, 'जाओ, तक्षशिला के बाहर जंगल में जो औषधियाँ हैं, उन्हें देखो, किन्तु जो वनस्पति औषधि न हो, वह मेरे पास ले आओ।' आचार्य की आज्ञा शिरोधार्य कर जीवक जंगल में गया। बहुत घूमा, पूरे जंगल का चक्कर लगा लिया। अंत में वह थकान से चूर हो गया। उसे खाली हाथ लौटना पड़ा। वह आचार्य के समक्ष उपस्थित हुआ। आचार्य ने पूछा, 'वत्स! क्या मेरे आदेश का पालन किया ?' वह बोला, 'गुरुदेव! सुबह से शाम तक जंगल में घूमता रहा। सारा जंगल मैंने छान डाला, किन्तु एक भी पौधा ऐसा नहीं मिला जो
औषधि न हो।' आचार्य बोले, 'वत्स! तुम औषधि विज्ञान में निष्णात हो गए। तुम्हारा अध्ययन सफल हुआ।'
क्या कारण है कि एक भी पौधा ऐसा नहीं मिला, जो औषधि के रूप में काम न आता हो? एक भी विचार ऐसा न मिले, जो गलत हो । एक भी दृष्टि
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