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स्वतन्त्र व्यक्तित्व का निर्माण
७१ झेलते-झेलते जो पक जाता है, वह विश्वास करने योग्य बनता है, अन्यथा सत्तर वर्ष का आदमी भी अविश्वसनीय ही रहता है। बड़ी उम्र हो जाने से कोई विश्वास पात्र नहीं बन जाता। एक छोटी उम्र का आदमी भी विश्वास पात्र बन जाता है यदि वह पक जाता है। यदि नहीं पकता है तो जीवन में बड़े खतरे रहते हैं। परिवर्तन की प्रक्रिया है- पक जाना। पकने के लिए दो आंचों से गुजरना पड़ता है। एक अनुकूलता की आंच और दूसरी प्रतिकूलता की आंच। प्रतिकूलता की आंच को सहना कठिन काम है तो अनुकूलता की आंच को सहना कठिनतम काम है। जितना खतरा अनुकूलता से होता है, उतना खतरा प्रतिकूलता से नहीं होता। शक्ति को निर्माणत्मक शक्ति में बदलने का प्रयोग।
___ ध्यान के द्वारा इन दोनों स्थितियों का पार पाया जा सकता है, अनुशासन स्थापित किया जा सकता है। श्वास के साथ बहुत सारे रासायनिक तत्व होते हैं वे वाहन का काम कर सकते हैं, माध्यम बन सकते हैं। किसी विचार को पहुंचाना है, किसी स्थिति को सहना है तो श्वास संयम के बिना सहज-सरल नहीं होगा। यदि हमने श्वास को साध लिया, दीर्घ श्वास और समताल श्वास का प्रयोग करना सीख लिया तो अनुकूल और प्रतिकूल स्थिति को भी झेल सकते हैं। प्रतिकूल स्थिति को झेलना पड़ता है दिमाग की गर्मी में। सामने प्रतिकूल स्थिति आती है और मस्तिष्क में गर्मी छा जाती है। उत्तेजना आती है, तब पीनियल और पिच्यूटरी में भयंकर गर्मी पैदा हो जाती है। ये सारे स्थान बहुत सक्रिय हो जाते हैं। यदि उस समय श्वास का अच्छा अभ्यास होता है तो लाभ प्राप्त कर लेते हैं। कोई भी प्रतिकूलता मन में आ रही है, मन में पारा गर्म हो रहा है, उत्तेजना भभक रही है, तत्काल समताल श्वास का प्रयोग शुरू किया जाए तो ऐसा लगेगा कि आग और पानी दो हैं और बीच में कोई बर्तन आ गया। आग जल रही है, पानी डालो आग बुझेगी, पानी फालतू चला जाएगा। आग जल रही है, बर्तन रखकर पानी डालो, पानी गर्म हो जाएगा, काम बन जाएगा। श्वास की क्रिया एक ऐसा बर्तन है। अगर इसका उपयोग किया जाए तो आंच भी लगेगी और जो कुछ आएगा, वह फालतू नहीं लगेगा, उसका भी उपयोग हो जाएगा। जो शक्ति क्रोध के द्वारा खर्च होती थी, वह शक्ति बच जाएगी और काम की शक्ति बन जाएगी। जितने आवेग, आवेश और वासनाएं हैं, वे सारे के सारे प्राण की शक्ति को खर्च करते चले जाते हैं।
आग भी उपयोगी है और पानी भी उपयोगी है। आग में पानी डालो, आग बुझ जाएगी और पानी फालतू चला जाएगा। अगर हम आग और पानी के बीच में
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