Book Title: Jivan Vigyana Siddhanta aur Prayoga
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 226
________________ जीवन विज्ञान : प्रायोगिक २०६ प्रकाश को फैलाएं। भीतर गहरे तक ले जाएं। वहां पर होने वाले प्राण के प्रकम्पनों का अनुभव करें। __ अब एक साथ सभी चैतन्य केन्द्रों की प्रेक्षा करें | जो खड़े-खड़े कर सकते हैं, वे खड़े-खड़े करें | चित्त को शक्ति केन्द्र पर ले जाएं, फिर क्रमशः स्वास्थ्य केन्द्र, तैजस केन्द्र, आनन्द केन्द्र आदि सभी केन्द्रों पर होते हुए पुनः शक्ति केन्द्र पर ले आएं । वृत्ताकार में सभी चैतन्य केन्द्रों पर चित्त की यात्रा चले । तेजी के साथ चित्त को सभी चैतन्य केन्द्रों पर घुमाएं और सभी केन्द्रों पर होने वाले प्राण के प्रकम्पनों का अनुभव करें। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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