________________
११४
जीवन विज्ञान : सिद्धान्त और प्रयोग रूपान्तरण की प्रक्रिया के तीन घटक
रूपान्तरण की प्रक्रिया के तीन घटक हैं१. उपाय की खोज। २. आलंबन ३. अभ्यास
किसान यह चिन्ता नहीं करता कि बीज बो रहा हूं, उगेगा या नहीं? यदि साधन-सामग्री पूरी है तो बीज अवश्य उगेगा। उगने का पूरा क्रम मिलता है तो वह उग जाता है और नहीं मिलता है तो वह नहीं उगता। सत्य का नियम सार्वभौमिक होता है। यह युनिवर्सल लॉ है। इसमे कोई अन्तर नहीं आता। उपाय, आलंबन और अभ्यास- ये तीनों जहां होते हैं, वहां परिवर्तन निश्चित है। इस प्रक्रिया से आदमी स्वयं ढल सकता है और दूसरों को ढाल सकता है। उपाय की खोज स्व-बुद्धि से भी हो सकती है और दूसरों के सहयोग से भी हो सकती है।
ईश्वर आलंबन नहीं है, वह मंजिल है। ईश्वर आदर्श है और आलंबन है-भक्ति। हमें ईश्वर तक पहुंचना है। उसका माध्यम बनता है भक्ति। ईश्वर आलंबन नहीं बनता, वह तो लक्ष्य है, जहां हमें पहुंचना है। आलंबन लक्ष्य नहीं बनता और लक्ष्य आलंबन नहीं बनता।
हम आलंबन का महत्त्व समझें और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में उसका सही उपयोग करें।
अभ्यास १. बुद्धि के स्तर पर हिताहित का बोध कराकर क्या व्यक्ति को बदला नहीं जा
सकता? सामाजिक नियंत्रण और अनुशासन क्या व्यक्ति को बदलने के लिए पर्याप्त
नहीं है? ३. अभ्यास को परिपक्व बनाने के क्या उपाय हो सकते हैं ?
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org