Book Title: Jindutta Charit
Author(s): Rajsinh Kavivar, Mataprasad Gupta, Kasturchand Kasliwal
Publisher: Gendilal Shah Jaipur
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गाउड़ी = गौडी - २०१ गगन - आकाश - ३२३ गगन गामिनी याकाम में चलने वाली..
स्खालु = चमड़ा - ४७७ खि - खिन्न - ३५६ खित्ति = क्षिति, पृथ्वी - १ खिन्नु = ५४० खियात = ख्याति - ३५० खिरी = - १७२ सीचि = -१६६ स्त्रीगोवरि = क्षीणोदरी - १०६ खीर = क्षीर - ४१२, ५०० खजाइ- खुजाना - ४१८ । खू2 = क्षय होना - २२६ खूटन = खुला - ३४५ खेतपालु = क्षेत्रपाल - १० स्वदंत = खोदना - ३४७ खेज - खेद - ३०६ खेमु कुसल = क्षेम कुशल - ११४ खेन = - २६२ खांघरु = -१६३ स्त्रोची = टेदी -- ४.५ खोचे - - ३७७ खोजु = - २४२ खोड = खोट - २३८ खोडि = खोट - १३०, १४८८ बंड = टुकडा - ४० खंडागरु = तलवार - ६५ खम = - ३५६, ३४३ खाँड - - ४१२
गज = हाथी - ३४५ गजगमणि = गजागामिनी - ९७६ गजहि = मर्जना - २६६ गल = - ४५६ गह -- किले में - ४५७, ४५८ गडबड = गडगडाहट - २६३ गही - - गढ़ = गरगह = समुह - ४६६ मरणहरनिय = गावर बन्द -- ३ गणु == - ५४४ गतहि = -३०६ गयवर = हाथी - ६.५३ गयंद = हाथी -- ३४६ गरम = अभिमान - १४१
गर = अभिमान - २२६ | गरह = विश्वास - ४०० | गरिठ = गरिष्ठ - १३
गम - अधिक - २२३ . गरुद - बडे -- २६८ गस्वउ - अत्यघियः -- ५२६ गरुङकेज - गाडकंतु - ५०८ गल = -१४ गलिय - -४४, गलींदी -- ७२ गल - गर्दन - ३७४ मरि = गारो - ३७६ गन्म = गर्व - ५२
गइयर = हाथी - २३ गइदु = गजेन्द्र - २३

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