Book Title: Jindutta Charit
Author(s): Rajsinh Kavivar, Mataprasad Gupta, Kasturchand Kasliwal
Publisher: Gendilal Shah Jaipur
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अस - पानी -.३६, ५३, ६०, ६६७ । जाग = - १६५ जलजद्द = जलधि – १६५
जागइ = जागना - २१०, २११ जलजंतइ = जलजंतु -- १६१ जारण, जाग जाणउ = - जलदेवी = -२४७ १०३, ६६, १७६, ४४२ अलवा हुँ = - १६६
जाणि = - ६४, १०२, १३१ जनसज्जु = -५१८ २७४, ४२०, ४४८, ४६२, ४६६, जलह = - ४५८
५३२ जलहर - - ३५१ आरिणय३ = जानो - ४० जलि जलि. + ४५६ जाणू = घुटने -- ०१ ली
स .. - ११४,१२८, जलु -- जाल - १६६, २३२
५४१ जले = जलना - ४१४
जाति ..... - २६, ३२०,३२२ जव = जत्र - १६२ जत्रु :- - २४०, २५१,४४८ जातिपाति = - ३७३ ४५६
जातिफल = आयफल - १७१ जहि = जबसे - ३२३, २२६ जातु = कदाचित - ५१ जवही = जभी, - ३५,
जान = जानना - २६६, ३५६ ४२५, ४२६,५१५,
जाबु = गाल - ४०६ अधु = जब – १६६, १३१, ३०६ जाम नाम = बार बार - ३४४ ३६६, २२३, २१६
जाम = जब तक - १०६,१४५, १५३, जीजसी - जीयंजसा - ३१८ जसवइ -. यावती - ५३२ जामति - जन्म ग्रहण करते हो मसु = यश - २, १४, ६४ जहां = -८१, १३६,१६०, | जामहि = - जब २६२, ३२७, प्रादि
जायउ = जहि जो, जहाँ - १४, ३१, ३६७, | जायन = यादव - ४६१ आदि
जाल - - ४७६ जाइ = गये, जाना - ४८, ५७, ६२, | जनु - -२३३ जाइवि = जाकर - १३२, १३६ जापति = - २०४ १४६, ५१६
जालामालरिण : ज्वालामालिनी जाइ राई
-४२६ देवी - १० जाइ -- जाति - १७३
भामा उच ". जपापुष्य - १३३

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