Book Title: Jindutta Charit
Author(s): Rajsinh Kavivar, Mataprasad Gupta, Kasturchand Kasliwal
Publisher: Gendilal Shah Jaipur

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Page 254
________________ बहुत-बहुत प्रकार से - ११३,१६०, 'बहुतका = बहुतेरा - १७४, चहुनु = बहुत - १६४, बहुले = बहूँ = बहुत बहुत - १९२, ब्रह्मा = चाइ = बढ़ा- ६२, वात - ११७, १३२, बाधर् - ४७६. बाप पिता २४२, ३८५ बार = बेर, समय बार-बार 'बारत = ....- चाल --- मंजरी १७०, २३५, = H - = -- " बाहु = बालक - १४४५ वावरणउ = बीना - ६२५, बांधि = बांधकर - २८०५ ' - ४६ष - ४५.५, GUE 'बांह = भुजा बिज्जाहरु = विद्याधर ३४२, विलखाहि = बिलखना - ४६ त्रिg प्रतिमा = २४, श्रीसा = वीस- २००, = बुलाना - १०३, - बुधि बुद्धि - २१, २७, + खुरी : ११४, १२४, - ७०, ३२५ ....... L ४१६, ५२१. - २०६, ६११, बुलाइ = बुलायें बुलालउ बुलाना - ३३७. चुलाबहु = बुलाना = ४२० चूड = डूबना - 65, - - १०४ १०६ आदि ६. नृच्छ हुबा हुया - २६०, बुरहा = डूबने वाले ए बैठे बाल = बालइ = बोललोल = भावि कोलि = बोलना बंगाल = बंगाली - ६.२, प्रदि बुरा वृद्धा की - २१६ = बुढ़ी = बुद्धा - २०६. वैचिङ = वेधना - ७६. बोर १७२, - - - 1 - १११, - - १४१, विषद = बंदना करमा बंधबोधकर ४० -- आदि, .५६, ...आदि, - ३६४, २३०, २७०. - - भ = १०१.३०६, ३८०, the "आदि, भई = होगई - २३४, १६०, भादि, कि भउ = हुम - ६६, भउगाउ = भेदमाव भाउह मोहें, भगति = भक्ति - ११७. भड = मद, यरेखा ५० - २११ ܕ ܘ ܙܐ ܀ ८४६० Hill... मादि भराउ = योद्धा - ४६६, भड़वाह = भनुगज ३८६ भडारी = भंडारी - १३२, अणु कहना ५५, २५१, भस्मी = कहलाना -६६२७१ आदि भरणे == कही - २७२. ताहि कहते हुये - २२३, भनार = भर (स्वामी) - ४१४. भत्तारु भतीर (स्वामी) - २५७,

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