Book Title: Jindutta Charit
Author(s): Rajsinh Kavivar, Mataprasad Gupta, Kasturchand Kasliwal
Publisher: Gendilal Shah Jaipur

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Page 267
________________ २२४ वह = वापह - पिता - ५००, बहेड़ = वापहि = पिता – ५०१, वः = ... .-:५७, आकि, वहाड = हरी - ३६३, वामरण = ब्राह्मण - ३२१, धूप - वृक्ष - १६०, चामगु = ब्राह्मण - ११५, वाई = बावडी - ३, १५६, बाय = वायु - १२, वाइगो - लाहना – ५१, वार - बार, मार्ग, देरी - १४१, २६६. बाईस - २२ - २६, वारवार = वार २ - ३७३, बार -१६६, वारस = बारह (१२) - १६०, वाखर = पशु विशेष काठी - १२१, बारह - बारह (१२) - ८५, प्रादि. | वारि = द्वार - १५७, प्रादि, वास्त्ररु = - १७६, १८६, । वारिठिया = - ३७, बाचि = -११६, वरिस - - ४३६, याज = बाजा - ३४८, पारु = समय - २१७. ४४३, वाजणे = बाजे (बार-यन्त्र) - ६१, | वार] = - २२६, वाजहि = बजना – ३८०, वाल = - १०५, ४७६,५१३. वावि = बजने लगे - १२०, वालउ - बाला, बालक - १७४, ४१५ वाट - मार्ग दर्शन - ४५४, पालम : स्वामी - ३०५, वाड़ा = - ४५८, | बालही = वल्लभा - २७९, वाड़ी = बाटिका - ३४, १६, यादि, | वालहे = बल्लम - ३०, वाढ़ = बड़ई -३७, ६३, वाला = - २७८, वाराहि - - २२१, | वालि = मानकर - १५८, वारिण = वाणी - १४, ४५, आदि, | बानिय = वाना - ३८२, वाणी = वापी - १४, बाली - नव युवती – ३४१, ३४३, वाणु = - ३५, वावगा = बौना - ३०, ३४३, आदि वामरण : ब्राह्मण - ४४, बावण्इ = बौना - ३४६, वात = बात - ११६. ३३०, प्रादि, बावलउ - पागल - ३२६, ४३२. वाता = वार्ता - २९४, ४०२, दावली - बावली - ३०६, बातु : बार्ता – २०६. आदि, वास: -४४३, यादि वासणु = पुरस्कार का वस्त्र -३२१, बाधउ = - ४७४, वासरि = दिन - ६४२, बाधे - वासव = इन्द्र - ३५,

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