Book Title: Jindutta Charit
Author(s): Rajsinh Kavivar, Mataprasad Gupta, Kasturchand Kasliwal
Publisher: Gendilal Shah Jaipur

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Page 263
________________ २२० रूसि :- श्रोधित - ६.६, लखु = लक्ष - २६, रेख = रेखा – २७२, ४.७३, लगा = लग्न - ३५६, रेवती = रानी का नाम - २७५, लग = लगना -- ६७, ४५६, रेह = रेखा - ६४......पादि लगुण - लग्न - ११७, १२४, रोपि = रोपकर - ११५, लगनु - मुहूर्त - ११२, रोपिउ - गुड़ा किया - १९२, सगि = लगो - ५४७, रोपियउ = -४४३, लगिउ = - ४६६, रोय = -३००, सछि = लक्ष्मी - १३६, ....."अादि, रोल = रोला (शोर) - ४५५, लछी = लक्ष्मी - ५३८, ........"प्रादि, रोवर - रोती है - १५४......प्रादि लजालु - लज्जाशील - ६६, सरोव हि - , -२१५......नादि लज्जविन = विना लज्जा के - ६८, रोवनी = - १ खडि : - ५ रोसु = रोष - २१, लइउ = प्राप्त किया – २५६, रोहरिंग = रोहिणी - १०, | लयउ = लेकर - ५३, ६४, प्रादि, रोहिणी कंस - रोहिणी देवी के इति, | लये = लिये - ४५१, चन्द्रमा - १२ । लयो - लिये - १३७, यादि, रंग = - ६३, ललाट = भाल - ६८, रंजणु = रंजायमान – ४५, ललित = पली हुई - ३०६, रंजावहि = रिझाने - ३३५, ४०१, लबइ = बाहना -- ४७६. रंजि = रंजायमान (प्रसन्न) – २१, . लवरिणउ = नवनीत - ५१८, रंभ = रंभा - ३७६, लवस्गोत्रहि : लवणोदधि - ३०, रंभादे = -२०३ लवंग : लोंग - १७१, | लहइ = प्राप्त करना -२६४, आदि, | लहम = लेकर - ५३, लइ = सिया - ७६, ८०..... प्रादि लहर - - २४७, लइकर = लेकर - २१२, लहरि = नजाइ = संजाना - १७५,. लहिउ = प्राप्त किया - ५०७, लहरु = लेकर - ४१६, लहिय - प्राप्त करना - ५२६, लए = लेना - ४०७, ४५१, ४६.१ । लाइ = लाकर - म, ३६६, ४०३, लक्खरण = लक्षण - २०, लाबइ - - ३००, लक्षण = चिह्न - ५६, ८१, ४२०, । लाकडी - लकड़ी - ३७७, . लग्यण = लक्षण - ४५३, | लाग्न = लक्ष - ७२, ८२, ग्रादि,

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