Book Title: Jindutta Charit
Author(s): Rajsinh Kavivar, Mataprasad Gupta, Kasturchand Kasliwal
Publisher: Gendilal Shah Jaipur
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२१०
=
पंचमि = पंचामृताभिषेक- १५२, पंचानुवाइ पंचागुव्रत - ५१, पंचुबर = पांच उदम्बर पंथ = भार्ग - ३३, ४६०,
५१८,
पंथि = पथिक = १६४,
पंडिस = पडित - ४३६
धरोहण = जहाज
फ
फरहराइ फहराना
करी
फल =
फलहू = फले - ५०६,
फली =
11
=
फलु
फाटई = फटना
फाट हि = फट्मा
फाइल
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लकड़ी
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=
11
10.744
F
L
مل
-
३१३,
• ४७७,
फिरने लगी- ६६, १३६,
फिरत =
फिरि = फिर
फिरिङ
फोटज
= मष्ट होगा,
'कुत्रातच फुंकारना फुड़
= स्पष्ट
८५,
'कुडव = स्फुट - ३६२ फुड़ी = स्पष्ट २८५,
Mb.
-
३७२,
......
- ५३, ६.७५,
- ५१४,
= ५१०,
इसमें,
१४०, .....प्रदि
--
- ६५,
२२८, २६२,
३० आदि
. ४०३,
फूड = स्पष्ट फुशि फिर पुनि
=P
२३८, फुरइ = स्फुरित होना - २९.४८४,
२२८,
'आदि,
S-III
४३७, ४७०,
१४६,"
#íz,
फुल्ल = फूल, पुष्प - ५३, = नष्ट होना - ४५१,
फुटे
फूल = पुष्प - २०६, आदि. फूलह
- १५.२,
१६६०
- ५१४,
| फूल हि = फूली करिख = किराया - ३५६० फेरिय फोड़ि फाड़कर चीर कर
घुमाना २२८,
फोफल = सुपारी - ६१ १६५ फोफिली = सुपारी - १७१, फौकरद
काग्मा - २६६,
ब
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नहु
X
SILA-NI
=
च
वई =
बइठे = - ४०६, बख = वर्शन - २०,
बरिज = व्यापार - १७ बत्तीस = ३२ - ५६, ४५१, बत्तीसह = - ४२८,
बथाऊ = बायात्रा
६०५
बरात = ...
बरातु = बरात
बरी बलबीर
क्तिवान् - ५
बलधीरु == बलवान् - २२७/ अलह्
= बल - ३७०,
बसहिं = रहना -
बसंतपुरि = वसंतपुर - २५.६
- २०८,
47
=
४७८,
यह =
बहत्तरू = ७२ - ६५,
१२०.
लगाया - १२१,
"
-
ܐ3
१२४,
ܟܕ

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