Book Title: Jindutta Charit
Author(s): Rajsinh Kavivar, Mataprasad Gupta, Kasturchand Kasliwal
Publisher: Gendilal Shah Jaipur
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१८६
जगदता । ४०१
जासु- - ३०७, ३७६ जिम = जिस प्रकार - २२१, २६२ जाहि = आना - ३३, ७०, ७४ आदि | जिम = जैसे - ६२, २२४ जाही .. ..
! जिउ = जीना - ३१४, ३१५ नाड = -- १३१, १२२ | जिमणार = जीमणवार - १२४ जिउ = - ३७४, ४-३ जिवायो = जिमाया - १४५ जिगण = जिन - ७, ६, १३२, १४८ जिसु = जिसको - १०० जिणपाहु = जिनेन्द्र भगवान - ४५ जिह = जिन्होने - ७,८६,३२६,६६६ जिणदत्त ।
जिहि - जो - ३७२, ४८६ जिरणवत्तह २,१६, ११६, १३०
जीउ = जीव - २२१ जिरणदत्त हि
। ११६, ४०१, २१० = नायक का नाम
जीउदेव - जीवदेव - ४६, ४७२
जीत = जीतना - ३५८ जिराद
जीति = जीतकर - १३० जिएम देव = -२६२
जीतु = जीत – ३२७ जिरानाह = - ४३४ जीव = .. ६, ४५, २३१ मादि जिरण मुवरिंग :. जिन मन्दिर - १५४ जीवइ = जोवित रहना- ३८८,४७९ जिसरावर = जिनेन्द्र देव - १. १४.२५ जीवउ - - १५६, ४७६.
४७७ जिण्सुत्त = जिन मूत्र - ५५ जीवकहु - सपेरा - ४८६ ब्णिहरू - __ - १५५
जीवदया = प्राणियों की दया, जिमिद = जिनेन्द्र - २४५
जीवदे = - ४७५, जिरण = जिनेन्द्र देव - ३,७१, ५१. जीवदेउ - जिनदत्त के पिता का नाम जिन = - ५२२
- ४५, ६०, १०८, ११३,१३१,१५६ शिणसर :- जिनेश्वर - ३१४,३६०, |
४७३, ४८१, ५०७,५३४
जौवदेव = जिनदत्त के पिता का नाम जिणेद = जिनेन्द्र -३, ३१७
-- २५७,२६१,३१८,३६,४८८ जिल्य = जहाँ - ३४५
जीवर वह = - ३७ जितनु = - २२० जीनं जस = जीवं प्रसा (सेठानी का नाम) जिन्ह - -६५
- ४५, ४६, ३८६, ५०७ जिन = जिनेंद्र
जीह = जीव ४०१, ४७६ जिनदत्त - १२८, ५४८ 'यादि | जूगल - युगल, दोनों - ६२ जिनबह: -५३२
जुझ - युद्ध - ४.७१ जिनु = जिनको - १
| जुन = - ५२२

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