Book Title: Jindutta Charit
Author(s): Rajsinh Kavivar, Mataprasad Gupta, Kasturchand Kasliwal
Publisher: Gendilal Shah Jaipur
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२६१, २६६, दंतसूलि - पुष्ट दांत बाला - ३४७, दखह- -११५,१३३ दंता सेठि - -१८६ देखालिया = दिखाया - २७, वंसा = दर्शन - ३८, देखि - देखकर - २२, १००, 'पाकि दंसणु = दसन - ५२३, देण = दैन्य - ११२,
बसंत = -४०७, देव = - २११, २१६,२३५ ।
....... भाद, देवति = देव - २६३,
धरण = धन - ३५, ४७,'', · पावि, देवलु - देवल - ३८१,
घणकरा = धनधान्य - ८६, ददि = देवी, देकर, ११ ५१२, धरगदत्त * -१६०, दश = - १८६, ४५३,४५६, | धरण - कुबेर - १२, देस - देश - ८५,........'मादि, धनदेउ - -५२७, देसासु = मांस रोककर - १६२, धरमबाहरण - धनबाहन-नाम - २०२, दाम - - ५२७
२१६, देमु = देव .. ३१, ३२, मादि, | धरण - धन्य - ११३
संतर- देशान्तर - ३२, धणी = धनी - १३,.... 'प्रादि, देह = भरीर - EL. EE.....मादि, ! धना = धनुष - ९८,... प्रदि, दहि देते थे - २३, २४,..... मादि ! प्राणु देह : घनदेष - १८४, वह वेवें, देवा – ८०.......... ग्रादि, दाइ = दो -- ४५६
घन = द्रव्य - १ दाइ पारि = दो चार – १५१, धनु - धन - १६४, १८५, दाज = - ५०४,
घन्मी - स्त्री - ३९९ दोषु -- - ४६५,
सम्म - धर्म - १,२१, २७, मादि, दोस .. - ५४८,
धम्मु = धर्म - २, ३४......"पादि, दोसह - दोध -
धम्मुद्धरण = धर्मोद्धारक -१, दोसु = दोष - २०, २१,.... भादि, | घर = भरकर - ८, २२६, दर = - ३५, ३५३, ४६५, घरइ = परना - ५१,६२,..."प्रादि,
घरग = पृथ्वी - ४३, दर - - ४७०, ४७१, धरसिंगदु = परणेन्द्र - १२, दंत - दांत - ४०६, ५३६, घरम् = पमं - ४८, १४., दतूसानि = द्वांतोंवाला - ६४५, धर्मपुत्र : धर्मपुत्र - १७६, रंतसरि = पुष्ट दांत - ३५८, ] धहि = लेकर - १८७,२४५ ४१,

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