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________________ १६ २६१, २६६, दंतसूलि - पुष्ट दांत बाला - ३४७, दखह- -११५,१३३ दंता सेठि - -१८६ देखालिया = दिखाया - २७, वंसा = दर्शन - ३८, देखि - देखकर - २२, १००, 'पाकि दंसणु = दसन - ५२३, देण = दैन्य - ११२, बसंत = -४०७, देव = - २११, २१६,२३५ । ....... भाद, देवति = देव - २६३, धरण = धन - ३५, ४७,'', · पावि, देवलु - देवल - ३८१, घणकरा = धनधान्य - ८६, ददि = देवी, देकर, ११ ५१२, धरगदत्त * -१६०, दश = - १८६, ४५३,४५६, | धरण - कुबेर - १२, देस - देश - ८५,........'मादि, धनदेउ - -५२७, देसासु = मांस रोककर - १६२, धरमबाहरण - धनबाहन-नाम - २०२, दाम - - ५२७ २१६, देमु = देव .. ३१, ३२, मादि, | धरण - धन्य - ११३ संतर- देशान्तर - ३२, धणी = धनी - १३,.... 'प्रादि, देह = भरीर - EL. EE.....मादि, ! धना = धनुष - ९८,... प्रदि, दहि देते थे - २३, २४,..... मादि ! प्राणु देह : घनदेष - १८४, वह वेवें, देवा – ८०.......... ग्रादि, दाइ = दो -- ४५६ घन = द्रव्य - १ दाइ पारि = दो चार – १५१, धनु - धन - १६४, १८५, दाज = - ५०४, घन्मी - स्त्री - ३९९ दोषु -- - ४६५, सम्म - धर्म - १,२१, २७, मादि, दोस .. - ५४८, धम्मु = धर्म - २, ३४......"पादि, दोसह - दोध - धम्मुद्धरण = धर्मोद्धारक -१, दोसु = दोष - २०, २१,.... भादि, | घर = भरकर - ८, २२६, दर = - ३५, ३५३, ४६५, घरइ = परना - ५१,६२,..."प्रादि, घरग = पृथ्वी - ४३, दर - - ४७०, ४७१, धरसिंगदु = परणेन्द्र - १२, दंत - दांत - ४०६, ५३६, घरम् = पमं - ४८, १४., दतूसानि = द्वांतोंवाला - ६४५, धर्मपुत्र : धर्मपुत्र - १७६, रंतसरि = पुष्ट दांत - ३५८, ] धहि = लेकर - १८७,२४५ ४१,
SR No.090229
Book TitleJindutta Charit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajsinh Kavivar, Mataprasad Gupta, Kasturchand Kasliwal
PublisherGendilal Shah Jaipur
Publication Year
Total Pages296
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size4 MB
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