Book Title: Jain Pathavali Part 03
Author(s): Trilokratna Sthanakwasi Jain Dharmik Pariksha Board Ahmednagar
Publisher: Tilokratna Sthanakwasi Jain Dharmik Pariksha Board Ahmednagar

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Page 8
________________ " urr । १२२ १३० १३७ १४४ rr-sur 2 V_०१ १५२ १५९ १६७ (२) निर्जरातत्त्व वधतत्त्व मोक्षतत्त्व कथा विभाग सती चन्दनवाला सती द्रोपदी सती दमयन्ती सुवाइकुमार स्थूलभद्र नेमि-राजुल वीर धन्ना समभावी मुनि मेतार्य थेणिक नन्दनमणियार जम्बू स्वामा सम्राट् सम्प्रति सती मुभद्रा . लकऋपि गजमुकुमार काव्यविभाग प्रात प्रार्थना प्रभुका नाम-रसायन पांच इन्द्रियो के विषय प्रभ महावार देखो रे देयो रे जैनी भावना धन मेरी भावना १७६ १८० १८५ १९२ . २०० २०५ २११ . २१६ २२२ . M २२३ २२४ ૨૨૬ ૨૨૭ 1 or 2 २२८ २२९ . २३०

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