Book Title: Jain Kathamala
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Hajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
View full book text
________________
( · १३ )
अंग्रेजी भाषा में स्वतन्त्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल सी० राजगोपालाचारी ने कहानी विधा में 'Stories from Ramayana & Mahabharata' की रचना की तो कवि कम्बन की रामायण के आधार पर 'A Faithful Brother-Bharata और Long Poem में चित्रकूट पर भरत-राम मिलाप का हृदय-स्पर्शी चित्रण किया।
यह वात अवश्य मननीय है कि इन सव परवर्ती रचनाओं में वाल्मीकि रामायण ने आधार का काम किया है । वैदिक परम्परानुमोदित रामायणों में वैविध्य __ वैदिक परम्परा की सभी रामायणों में आधार रूप में वाल्मीकि रामायण को स्वीकार किया गया गया है । तुलसी ने तो अपने रामचरितमानस में इसका अत्यधिक सहारा लिया है । इसलिए सभी रामायणों में समानता तो होनी ही चाहिए किन्तु अन्तरवाले स्थल अवश्य ही दर्शनीय है । ___अनेक रामायणों के अन्तरों का तुलनात्मक अध्ययन तो बहुत लम्बा
विषय हो जायगा, यहाँ वाल्मीकि 'रामायण' और तुलसीकृत 'रामचरित" मानस' के कुछ अन्तर अवश्य ही उल्लेखनीय हैं । प्रमुख अन्तर निम्न है
(१) तुलसीदास रचित 'मानस' में राम के जन्म लेने के चार कारण बताये है-(क) विश्व मोहिनी और नारद-मोह की कथा तथा नारद मुनि का विष्णु को शाप', (ख) मनु शतरूपा को विष्णु द्वारा दिया गया वरदान', (ग) कपट मुनि का आख्यान, (घ) रावण के अत्याचारों से दुखी होकर पृथ्वी गो का रूप बनाकर गई तो विष्णु द्वारा रावण के वध की प्रतिज्ञा। जबकि वाल्मीकि रामायण में केवल एक ही कारण दिया गया-देवताओं, ऋपियों
१ तुलसीदास रचित-रामचरितमानस, वालकाण्ड, दोहा, १२६-१३६ २ वही दोहा, १४१-१५२ ३ वही दोहा, १५३-१७५ ४ वही दोहा, १८३-१८७