Book Title: Jain Dharma me Ahimsa
Author(s): Basistha Narayan Sinha
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 12
________________ डॉ० अशोक कुमार सिंह, वरिष्ठ प्राध्यापक, पार्श्वनाथ विद्यापीठ का मैं आभारी हूँ, जिन्होंने सर्वप्रथम इस पुस्तक के द्वितीय संस्करण के प्रकाशन हेतु आर्थिक सहायता के लिए श्री वाफना सा० से जलगाँव में आग्रह किया और फिर यहाँ से इसका फोटो-स्टेट उनकी सेवा में भेजवाने का कष्ट किया। पार्श्वनाथ विद्यापीठ के ही डॉ० शिवप्रसाद, वरिष्ठ प्राध्यापक, डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय, वरिष्ठ प्राध्यापक, श्री ओमप्रकाश सिंह, श्री राकेश सिंह आदि के प्रति मैं आभारी हूँ, जिन लोगों ने किसी न किसी रूप में इस पुस्तक के प्रकाशन में सहयोग किया है। मैं अपने पुत्र-पुत्रवधू - डॉ० विजय कुमार, प्राध्यापक पा० वि० तथा डॉ० सुधा जैन, प्राध्यापिका, पा० वि० को शुभाशीर्वाद देता हूँ, जिन लोगों ने “जैन-धर्म में अहिंसा" के प्रकाशन से सम्बन्धित कार्यों में अपनी समुचित भूमिकाएं निभाई हैं। मुद्रण में सहयोग के लिए वर्धमान मुद्रणालय धन्यवाद के पात्र हैं। विजयादशमी दिनांक 26.10.2001 एन-4/4बी. -4 आर. शान्ति निलयन कृष्णपुरी,करौंदी, पोस्ट-सुसुवाही वाराणसी- 221005 बशिष्ठनारायण सिन्हा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org


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