Book Title: Jain Dharma me Ahimsa
Author(s): Basistha Narayan Sinha
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 10
________________ all the can ways you can all can बेसहारों को सहारा दिया। वे दुःखियों के हमदर्दी थे। उन्होंने यही सिखलाया:Do all the good you can means you the the places you In all the times you can all the people you As long you can संक्षेप में उन्हें धर्मप्रिय, सत्यप्रिय, न्यायप्रिय, क्षमाशील एवं धैर्यशील कहते हुए मेरा मन श्रद्धा से झुक जाता है। अपने परिवार पर उनकी गहरी छाप है। ऐसे महापुरुषों के पदचिह्नों पर चलने से समाज उन्नति को ओर अग्रसर होगा। धन्य था उनका जीवन । can as रूपमहल फरीदाबाद २-४-७२ हरजसराय जैन मन्त्री, श्री सोहनलाल जैनधर्म प्रचारक समिति अमृतसर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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