________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
गडूच्यादिवर्गः ।
९३
और नेत्रोंका हितकारी है, और इसका बीज, तीखा, गरम, विषका हरनेवाला, धातुकों क्षीण करनेवाला, और कफ वातका हारक है, और ये नाम लेनेसें शिरकी पीडाको हरता है ॥ १११ ॥
अथ अपराजितानामगुणाः.
आस्फोता गिरिकर्णी स्याद्विष्णुक्रान्तापराजिता । अपराजिते कटू मेध्ये शीते कण्ठ्ये सुदृष्टिदे ॥ ११२ ॥ कुष्ठमूत्रत्रिदोषामशोथव्रणविषापहे ।
कषाये कटुके पाके तिक्ते च स्मृतिबुद्धिदे ॥ ११३ ॥
टीका - अब सफेद फूल और नीले फूलवाली विष्णुक्रांता के नाम और गुण लिखते हैं. आस्फोता १, गिरिकणी २, विष्णुक्रान्ता ३, अपराजिता ४, ये विष्णुक्रांता के नाम हैं. ये कडवी, और बुद्धिकों उत्पन्न करनेवाली है, शीतल है, कंठकों अच्छा करनेवाली है ॥ ११२ ॥ दृष्टिकों अच्छी है, कुष्ठ, मूत्र, दोष, आम, सूजन, घाव, विष, इनके हरनेवाली है, औ कसेली, कडवी, पाक में तिक्त, और स्मृति, बुद्धि इनकों देनेवाली है ॥ ११३ ॥
अथ सिंदुवार (संभालू) नामगुणाः.
सिन्दुवारः श्वेतपुष्पः सिन्दुकः सिन्दुवारकः । नीलपुष्पी तु निर्गुण्डी शेफाली सुवहा च सा ॥ ११४ ॥ सिन्दुकः स्मृतिदस्तिक्तः कषायः कटुको लघुः । केश्यो नेत्रहितो हन्ति शूलशोथाममारुतान् ॥ ११५ ॥ कृमिकुष्ठारुचिश्लेष्मज्वरान्नीलापि तद्विधा ।
सिन्दुवारदलं जन्तुवात श्लेष्महरं लघु ॥ ११६ ॥
टीका -संभालुको सिन्दुवारभी कहते हैं. सिन्दुवार १, श्वेतपुष्प २, सिन्दुक ३, सिन्दुवारक ४, नीलपुष्पी ५, निर्गुडी ६, शेफाली ७, सुवहा ये मेडीके नाम हैं. ॥ ११४ ॥ ये स्मृतिकों देनेवाली, तिक्त, कसेली, कडवी, हलकी है, केशोंकों अच्छे करती है, नेत्रोंकी हितकारी है, और शूल, शोथ, आमवात, इनकों हरनेवाली है ॥ ११५ ॥ कृमि, कुष्ठ, अरुचि, कफ, ज्वर, इनकी नाशक है. ये
For Private and Personal Use Only