Book Title: Harit Kyadi Nighant
Author(s): Rangilal Pandit, Jagannath Shastri
Publisher: Hariprasad Bhagirath Gaudvanshiya

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Page 369
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शुभसागर. अर्थात् श्रीमद्भागवतका हिंदुस्थानी भाषांतर. कि. रु. ६८.ख. १रु. श्रीमद्भागवत. विजयध्वजीटीकासह तैयार है. यह टीका अतिउत्तम है. जो विद्वान देखेंगे सो अवश्य प्रसन्न होवेंगे. तिसमें भी मध्वसंप्रदायीको परम लाभ है. कीमत रु० १०, ८०रु०२ ग्रंथसंख्या अंदाज से ८०००० तुलसीकृत रामायण अष्टम लवकुशकांडसहित. दो. तातखर्ग अपवर्गसुख, धरीतुलाइकअंग ऊपर लिखेहुवे नमूने के बड़े अक्षरोंकी रामायण आठ कांडोंकी हमारे पास अतिउत्तम कागजपर उत्तम छपाईकी तय्यार है. उसमें विषय - माहात्म्य, क्षेपक संख्या १०६, श्री रघुनाथदासजीकृत विश्रामअंग, तुलसीदासजीका जीवनचरित्र, श्लोकार्थ, छंदार्थ, गूढार्थदीपिका वा गूढार्थचिंतामणि, इतिहास, अंतर्लापिका, बहिर्लापिका, चित्रबंध और अष्टम लवकुशकांडसहित छपी है. की. रु.५८. रु. १ लावण्यवतीसुदर्शननाटक. यह नाटक अत्युत्तम है, उत्तम विद्वान कृत है, सो हमारे यहां छपके तैयार है. कीमत रु. १ ( ८. ४ आना. ) पुस्तक मिलनेका ठिकाणा हरिप्रसाद भगीरथजी, काळकादेवीरोड, रामवाडी, मुंबई. For Private and Personal Use Only

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