Book Title: Gommatasara Jiva kanda Part 1
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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गो० जीवकाण्डे
२२४
३
राशि ३१ का भाग सर्वद्रव्य ३१०० को देने पर १०० प्राप्त हुए,वह अन्तिम गुणहानिका द्रव्य है। उससे दूना-दूना प्रथमं गुणहानि पर्यन्त द्रव्य जानना १६००,८००,४००,२००,१००। साधिक डेढ़ गुण हानिका भाग सर्वद्रव्यमें देनेपर २५६ आये । सो प्रथम गुणहानिकी प्रथम वगणामें वर्गोंका प्रमाण है । इसको दो गुण हानि १६ से भाग देने पर सोलह आये । सो चयका प्रमाण है । सो द्वितीयादि वर्गणाओंमें इतना-इतना घटता वर्ग जानना। इस तरह प्रथम गुणहानिमें आठ वर्गणा जानना। द्वितीय गुणहानिमें भी आठ वर्गणा है। उनमें द्रव्य और चयका प्रमाण पूर्वसे आधा-आधा जानना। इस प्रकार सर्व द्रव्यमें क्रमसे आधी-आधी पाँच गुणहानियाँ होती हैं । उनकी रचनाप्रथम गुणहानि द्वितीय गुणहानि तृतीय गुणहानि चतुर्थ गुणहानि पंचम गुणहानि
१४४ १६० १७६. १९२ २०८
१०४
११२ २४० १२०
६० २५६ १२८ १६००
२०० चार-चार वर्गणाका समूह एक-एक स्पर्धक । एक-एक गुणहानिमें दो-दो स्पर्धक हैं। सो प्रथम गुणहानिके प्रथम स्पर्धककी प्रथम वर्गणाके वर्गों में आठ-आठ अविभाग प्रतिच्छेद पाये जाते हैं। दूसरी वर्गणाके वर्गों में नौ-नौ, तीसरीकीमें दस-दस और चौथीकीमें ग्यारहग्यारह जानना। तथा प्रथम गुणहानिके द्वितीय स्पर्धककी प्रथम वर्गणाके वर्गों में सोलहसोलह, दूसरीकीमें सतरह-सतरह, तीसरीकीमें अठारह-अठारह, चौथीकीमें उन्नीस-उन्नीस अविभाग प्रतिच्छेद हैं। तथा द्वितीय गणहानिके प्रथम स्पर्धककी प्रथम वर्गणाके वर्गों में
चौबीस-चौबीस, आगे एक-एक अधिक है। इसी प्रकार अन्तिम गुणहानिके अन्तिम स्पर्धकको २५ अन्तिम वर्गणा पर्यन्त जानना।
___अंक संदृष्टि अपेक्षा अविभाग प्रतिच्छेदोंकी रचनाका यन्त्र प्रथम गुणहानि | द्वितीय गुणहानि | तृतीय गुणहानि | चतुर्थ गुणहानि | पंचम गुणहानि प्र. स्प. | द्वि. स्प.प्र. स्प. द्वि. स्प. प्र. स्प. | द्वि. स्प.प्र. स्प. | द्वि. स्प.| प्र. स्प. | द्वि. स्प.
११ । १९ । २७ । ३५ | ४३ | ५१ | ५९ । ६७ । ७५ । ८३ १०।१०।१८।१८/२६।२६ ३४।३४ |४२।४२ ५०५०५८/५८ ६६६६६ ७४।७४ ८२।८२ (९।९।१७।१७/२५/२५॥ ३३॥३३॥ ४॥४१४९४९॥ ५७५७ ६५/६५।७३/७३।। ८१/८१॥ 1९ १७ । २५ । ३३ | ४१ । ४९ | ५७ ६५ | ७३ । ८१
८८1१६१६॥ २४॥२४॥ ३२॥३२॥ ४०॥४०॥४८॥४८॥ ५६०५६। ६४।६४।७२।७२।८०1८०। 1८८/१६।१६/२४।२४ ३२।३२ /४०१४०४८।४८ ५६५६ ६४।६४ |७२।७२ / ८०/८०
८००
२५.
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