Book Title: Gommatasara Jiva kanda Part 1
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, A N Upadhye, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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कर्णाटवृत्ति जीवतत्त्वप्रदीपिका
४०१ विशेषहीनत्वमुंटप्पुरिंदमुपचारदिदं गुणहानित्वं पेळल्पदुदु ।
इनितोंदु समयदोळ कट्टिदेकसमयप्रबद्धसमस्तगुणहानिगतसर्वनिषेकविन्यास रचनेयिदु
२८८ ३२० ३५२
१४४ १६० १७६ १९२ २०८ २२४
३८४
४१६
M
४४८
४८०
१०४ ११२ १२० १२८
२४०
५१२
२५६
३२००
१६००
८००
४००
२००
१००
३५२
तत्सिद्धः । एवमेकैकसमयप्रबद्धसमस्तगुणहानिगतसर्वनिषेकविन्यासरचनेयम् । २२८ १४४
३६ ३२० १६० ८० ४०
१७६ ८८ ३८४ १९२ ४१६
२०८ १०४ ४४८ २२४ ११२ ४८० २४० १२० ५१२ २५६ १२८
४८
६३००
३२००
१६००
८००
२००
१००
एकत्र ६३००
समाधान-उसमें यद्यपि मुख्य रूपसे गुणहानिपना नहीं है, तथापि ऊपरकी गुण-हानियोंमें निमित्तभूत चयकी हीनताका सद्भाव होनेसे उसे उपचारसे गुणहानिपना सिद्ध है ।
इस प्रकार एक समयप्रबद्धकी समस्त गुणहानियोंके सब निषेकोंकी रचना जानना।
२२८ ३२० ३५२
१४४ १६०
३८४
१७६ १९२
४१६ ४४८ ४८० ५१२
२०८ २२४ २४०
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१२०
२५६
३२००
१६००
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