Book Title: Bhagwati Sutra Part 02
Author(s): Kanakprabhashreeji, Mahendrakumar Muni, Dhananjaykumar Muni
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text ________________
६६५
६६६
(ix) केवलि-भाषा-पद
६४३ स्थावर-जीवों का सर्व-सूक्ष्म-सर्व-बादर-पद ६६२ उपधि-पद ६४३ पृथ्वी-शरीर की विशालता-पद
६६३ परिग्रह-पद
६४४ पृथ्वीकायिक का शरीर-अवगाहना-पद ६६४ प्रणिधान-पद ६४४ पृथ्वीकायिक का वेदना-पद
६६४ कालोदायी-प्रभृति का पंचास्तिकाय
अप्कायिक-आदि का वेदना-पद ६६५ -संदेह-पद
६४५ चौथा उद्देशक श्रमणोपासक मद्दुक का समाधान-पद ६४६ महासव-आदि-पद
६६५ भगवान् द्वारा मदुक का प्रशंसा-पद ६४७ पांचवां उद्देशक विकुर्वणा में एक-जीव-संबंध-पद ६४७ चरम-परम-पद
६६६ देव-असुर-संग्राम-पद ६४८ वेदना-पद
६६७ देव का द्वीप-समुद्र-अनुपरिवर्तन-पद ६४८ छठा उद्देशक
६६७ देवों का कर्म-क्षपण-काल-पद ६४८ सातवां उद्देशक
६६७ आठवां उद्देशक
६५० असुरकुमार-आदि का भवन-आदि-पद ६६७ ईर्या की अपेक्षा गौतम का संवाद-पद ६५० आठवां उद्देशक
६६८ अन्ययूथिक-आरोप-पद ६५० जीव-आदि-निवृत्ति-पद
६६८ परमाणु-पुद्गल-आदि का जानना
नौवां उद्देशक
६७१ -देखना-पद ६५१ करण-पद
६७१ नौवां उद्देशक ६५३ दसवां उद्देशक
६७२ भव्य-द्रव्य-पद
६५३
__ बोसवां शतक (पृ. ६७३-६९९) दसवां उद्देशक ६५४ पहला उद्देशक
६७३ भावितात्मा का असि-धारा-आदि का
संग्रहणी गाथा
६७३ अवगाहन-आदि-पद ६५४ द्वीन्द्रिय-आदि-पद
६७३ परमाणु-पुद्गल-आदि का वायुकाय
दूसरा उद्देशक
६७४ -स्पर्श-पद ६५४ अस्तिकाय-पद
६७४ द्रव्यों का वर्ण-आदि-पद
६५५ अस्तिकाय का अभिवचन-पद सोमिल ब्राह्मण-पद ६५५ तीसरा उद्देशक
६७६ उन्नीसवां शतक (पृ. ६५९-६७२) प्राणातिपात-आदि का आत्मा में परिणतिपहला उद्देशक ६५९ -पद
६७६ संग्रहणी गाथा
६५९ गर्भ-अवक्रममाण के वर्ण-आदि-पद लेश्या-पद ६५९ चौथा उद्देशक
६७६ दूसरा उद्देशक ६५९ इन्द्रिय-उपचय-पद
६७६ तीसरा उद्देशक ६५९ पांचवां उद्देशक
६७७ पृथ्वीकायिक-पद
६५९ परमाणु-स्कंधों के वर्ण-आदि भंग-पद ६७७ अप्कायिक-आदि-पद ६६१ परमाणु-पद
६८६ स्थावर-जीवों की अवगाहना-अल्पबहुत्व- छठा उद्देशक
६८७ -पद ६६१ पृथ्वी-आदि का आहार-पद
६८७
६७५
६७६
Loading... Page Navigation 1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 590