Book Title: Bhagwan Mahavir Ki Acharya Parampara
Author(s): Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust

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Page 12
________________ यह पुस्तक प्रथमानुयोगकी शैलीका होनेपर भी मूलतः ऐतिहासिक है। अतः हकीकतोंके बारेमें विभिन्न इतिहासकारोंके भिन्न मत हो सकते हैं। अतः अभ्यास करनेके बाद जो हकीकतें तर्कपूर्ण लगी हैं उन हकीकतोंको इस पुस्तकमें स्थान दिया गया है। अतः इस विषयके बारेमें मतभेद होना स्वाभाविक है । इस पुस्तक प्रकाशन में मदद कर्ता सभीके हम आभारी हैं। इस पुस्तकके सुंदर चित्र जयदेवभाई अग्रावत द्वारा तैयार किये गये हैं व मुद्रणकार्य कहान - मुद्रणालयने किया है। पूज्य बहिन श्री जन्मशताब्दी महोत्सव सोनगढ़ वी. नि. २५३९ वि.सं. २०६९ दि. २२-८-२०१३ साहित्यप्रकाशनसमिति, श्री दि० जैन स्वाध्यायमंदिर ट्रस्ट, सोनगढ (सौराष्ट्र) (11)

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