Book Title: Agam 42 Mool 03 Dashvaikalik Sutra Chayanika
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 26
________________ 5. कह चरे? कह चिट्ठ? कहमासे ? कहं सए ? । कहं भुजंतो भासंतो पावं कम्मं न बंधई ? ॥ 6. जयं चरे जयं चिट्ठ जयमासे जयं सए। जयं भुजंतो भासंतो पावं कम्मं न बंधई ॥ 7. सव्वभूयऽप्पभूयस्स सम्म भूयाई पासो। पिहियासवस्स दंतस्स पावं कम्मं न बंधई ।। 8. पढमं नाणे तन्नो दया एवं चिट्ठइ सव्वसंजए। अन्नाणी कि काही? कि वा नाहिइ छेय पावगं? ॥ 9.. सोच्चा जाणइ कल्लाणं सोच्चा जाणइ पावगं । . उभयं पि जाणई सोच्चा जं छेयं तं समायरे । 10. जो जीवे विन याणति अजीवे वि न याणति । : । जीवाऽजीवे प्रयाणंतो कह.सो नाहिइ संजमं? ।।। . [ दशवकालिक

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