Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 06 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 732
________________ - ७२० भगवतीसूत्रे कुड्डा झियाइ, कडणा झियाइ, धारणा झियाइ, बलहरणे शियाइ, वंसा झियाइ, मल्ला झियाइ, छित्तरा झियाइ, छाणे झियाइ, जोई झियाइ !' हे भदन्त ! अगारस्य गृहस्य खलु ध्मायतो ज्वलतः किम् आगारं गृहं ध्मायति ज्वलति ? किंवा कुटयानि भित्तयो ध्मायन्ति ज्वलन्ति ? कडनानि त्रट्टिकाः 'टाटी' इति भाषायां प्रसिद्धम्-ध्मायन्ति ? धारणे बलहरणाधारभूते स्थूणे स्तम्भौ ध्मायतः ज्वलतः किम् ? किंवा बलहरणं धारणयो रुपरिवर्ति तिर्यगायतकाष्ठम् 'मोभ' इति भाषाप्रसिद्धम् ध्मायति ज्वलति ? अथवा वंशाः ध्मायन्ति ज्वलन्ति ? किंवा मल्लाः-कुडयावष्टम्भनस्थाणवः स्तम्भाः, वलहरणाधारणाश्रितानि च्छित्वराधारभूतानि उर्द्धयतानि काष्ठानि वा ध्मायन्ति, ज्वलन्ति ? किंवा वल्काः वंशादिबन्धनभृता क्टादि त्वचो रजवः ध्भायन्ति ! ज्वलन्ति ? किंवा छित्वराणि वंशादिमयानि छादनाधारभूतानि आच्छादनानि ध्मायन्ति ज्वलन्ति ! अथवा छादनं दर्भादिमयं पटलं ध्मापति ज्वलति ? किंवा ज्योति झियाइ, धारणा झियाइ, बलहरणे झियाइ, बंसा झियाइ, मल्ला झियाइ, छित्तरा झियाइ, छाणे झियाइ, जोइ झियाइ' हे भदन्त ! जब घर जलता है- तो उस जलते हुए घर में क्या जलता है- क्या घर जलता है ? या कुडय-भित्तियां जलती हैं ? या कडन-टटियां जलती है? या बल हरणके आधारभूत खंमे जलते हैं (बलहरण म्यारी को कहते हैं) सो क्या म्यारी जलती है ? (वह एक प्रकारका तिरछा लंबा स्थूल काष्ट होता है जो खंभो पर रखा रहता है ) इसे 'मोभ' भी कहते हैं। अथवा-बांस जलते हैं। या-मल्ल-भीतके सहाराके लिये लगाये गये खम्भे-जल हैं ? या वग्ग-वंशादिको परस्पर में बांधने वाली छाले 'बकोडे ' जलते हैं या छित्वर म्यारी में ऊँचे करके लगाये हुए काठ-जलते हैं ? या 'छान' छप्पर-जलता हैं ? धारणा झियाइ, बलहरणे झियाइ, बंसा झियाइ, मल्ला झियाइ, छित्तरा झियाइ, छाणे झियाइ, जोइ झियाइ ?' 8 सह-त! न्यारे घर मा सालीय, त्यारे તે સળગતા ઘરમાં શું બને છે? શું ઘર બળે છે? કે ઘરની દીવાલ બળે છે? કે કડન (पाटिया) भने छ! ४ भामना साधा ३५ स्तमा भने छ? भान भने छ વાંસ બળે છે ? કે “માલ” ભીંતના આધારભૂત સ્થળે બળે છે ? કે “વગ'– વળી વગેરેને પરર૫ર સાથે બાંધવા માટે વપરાતી પાંખ બળે છે? કે વળી બળે છે? छ। मने? न्याति (भगि) ! श्रीभगवतीसत्र:

Loading...

Page Navigation
1 ... 730 731 732 733 734 735 736 737 738 739 740 741 742 743 744 745 746 747 748 749 750 751 752 753 754 755 756 757 758 759 760 761 762 763 764 765 766 767 768 769 770 771 772 773 774 775 776 777 778 779 780 781 782 783 784 785 786 787 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808 809 810 811 812 813 814 815 816 817 818 819 820 821 822 823