Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 04 Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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अनु. विषय
पाना नं.
२७८
१३८ शठ और छ'शानेन्द्रठे अग्रभहिषीयोंष्ठी संज्याठा और स्थिति ठा नि३परा
૨૭પ १3८ सनछुभार आहिडपों में रहे हुमे देवों छी स्थितिष्ठा नि३पारा २७६ १४० नन्हीस्वरद्वीपठे अन्तर्गत द्वीपों छा नि३पा
२७६ १४१ यभरेन्द्राष्टिठों सनी और उनठे अनीठाधिपतियों ठा
नि३पारा १४२ यभरेन्द्राहिठोंठे पाहातानीठ और उनठे मनीठाधिपतियों छा नि३पा
૨૮૨ १४३ सात प्रष्ठारठे वयनविष्ठांपोंडा नि३पाए।
२८४ १४४ सिनयठे स्व३पठा नि३पारा
૨૮પ १४५ सभुधात स्व३पठा नि३पारा
૨૯૦ १४६ निरुवों स्व३पठा नि३पारा
૨૯૪ १४७ साता और ससाताठे स्व३पठा नि३पारा
૨૯૬ १४८ पयोतिष्ठदेवोंठा नि३पाया
૨૯૬ १४८ हेवोंठे निवासभूत छूटोंठा नि३पारा
૨૯૯ १५० द्वीन्द्रिय छवोंठा नि३पारा
उ०० १५१ ययाठिा नि३पारा
उ००
॥सभास॥
श्री स्थानांग सूत्र :०४
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