Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 04 Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 14
________________ अनु. विषय पाना नं. ૧૪૫ १४८ ૧૪૯ ૧૪૯ ૧૫૦ ૧૫૦ ૧૫૬ ૧૫૯ ૧૬૦ ૧૬૧ ७८ प्रभा विशिष्ट प्रत्युपेक्षाशाष्ठा नि३पाया ७८ लेश्याठे स्व३पठा ज्थन ८० हेवसूचठा थन ८१ हि भार्याठिों छा नि३पाया ८२ घराशेन्द्राठिों छा साभानिठ साहस्त्रीष्ठा नि३पारा ८३ विशिष्ट भतिवाटले हेवोंष्ठी गति भेछा नि३पारा ८४ तपठे भेटोंठा नि३पारा ८५ विवाहठे स्व३धष्ठा नि३पारा ८६ क्षुद्रप्राशियोंठे स्व३पष्ठा नि३पा ८७ छह प्रष्ठारठी गोयरर्याप्ठा नि३पाया ८८ असाधुयर्या इभोगनेवालोंष्ठी गतिष्ठा नि३पाश ८८ साधुयर्याठि इस भोगनेवालेठा नि३पाया ८० नक्षत्रोंठे स्व३पष्ठा नि३पा ८१ संयभ और मसंयम स्व३पठा नि३पारा ८२ भनुष्य क्षेत्रमें रही हुछ वस्तुठा नि३पा ८3 Bालविशेषष्ठा नि३पारा ८४ ज्ञानछे स्व३पठा नि३पारा ८५ भवधिज्ञान स्व३पठा वायन ८६ ज्ञानिछे सवयन-नही उहने योग्यता नि३पाया ८७ सवयनमें प्रायश्चितष्ठा ज्थन ८८ उत्प विषयष्ठा नि३पारा ८८ उपस्थितिष्ठा नि३पारा १०० भहावीरस्वाभी संबंधी थन १०१ हेवठे संबंधी नि३पा १०२ आहारठा परिशाभ और विपरिशाभठा नि३पारा १०3 छह प्रष्ठारठे प्रश्नष्ठा नि३पारा १०४ छन्द्रठे अनाहिपनेठा नि३पारा १०५ मेहसहित आयुसन्धठा नि३पा १०६ औघयिष्ठ विगैरह भावोंष्ठा नि३पारा १०७ छ प्रहारष्ठा प्रतिभाठा नि३पारा १०८ ययाठिा थन ૧૬૨ ૧૬૩ ૧૬૩ ૧૬૫ ૧૬૬ ૧૬૮ ૧૬૯ १७० ૧૭૧ ૧૭૨ १८० १८४ १८८ १८८ १८८ ૧૯૦ ૧૯૧ ૧૯૩ १८७ २०४ ૨૦પ श्री स्थानांग सूत्र :०४

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