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को फाडने की तरह सब नष्ट हो जायगी। ४ प्रकार के शुक्ल ध्यान में से तीसरे भेद के शुक्ल ध्यान के ध्यान में विचरते हुए इस अवनितल पर महान उपकार करते हुए केवली भगवान् अब मुक्ति की तरफ आगे बढ़ते हैं।
सर्वे सन्तु केवलिनः।
इति प्रार्थना।
१३३४
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आध्यात्मिक विकास यात्रा
आध्यात्मिक विकास यात्रा