Book Title: Yog Chintamani Satik
Author(s): Harshkirtisuri
Publisher: Gangavishnu Shrikrishnadas

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Page 19
________________ ( १० ) विषय. शंखद्रावः गन्धकविधिः शिलाजतुशोधनप्रकारः शिलाजतुसत्त्वम् स्वदधातुमारणम् मृगांकविधिः १-२ राजमृगांकरसः, ताम्रमारणविविः तस्य गुणा दोषाश्च बङ्गमरणविधिः सीतकमारण विधिः, सारमारण विधिः मण्डूरकरणम् अभ्रक मारणविधिः अकरणम् सर्वधातुसच्च वधिः १-२ मूतवातुसंजीवनी कोचनविधिः पारदर हर गैरीरस: रससिन्दूम -मद-मुद्रा १-२ चत्रमुद्रा पारदगुणाः पादविकारशान्तिः - भस्मसूतम् - हरितालशुद्धिः योगचिन्तामणि: पृष्ठ. | विषय. २२४ रसकर्पूर विधिः २२५ शुद्धरसस्य मुखकरणम् २२६ | पारदमारणविधिः "" २२७ हिंगुल से - पारा काढने की विधि: २४९ २२८ हरतालशुद्धिः नागतांबाविधिः "" २३१ | सुवर्णमाक्षिकशोधनम् २३२ | रूपमाक्षिकशोधनम् २३३ मनःशिलाशोधनम् नीलांजनशोधनम् २३४ लोकनाथरस: "" २३५ कफकुंजररसः १-२ २३६ | श्वासकुठारो रसः २३७ | आनंद भैरवरसः रसप्रकरणम् । २३८ | कलारिरसः १-२३९ | चैतन्ये- सूचीभरणो रसः आमवाते-उदयभास्कररसः वातकासे भूतांकुशो रसः "9 71 २४० तरकेश्वरः २४१ | अतिसारे रसः २४२ | अतिसारे --आनन्द भैरव रसः | कवनसुन्दररसः 99 २४३ अजीर्णे-- क्रव्यादरसः २४४ | वाजीकरणे -- चंद्रोदयरसः कामदेवरसः, Aho ! Shrutgyanam " पृष्ठ. २४६ २४.७ "" २५० 27 २५१ "" २५२ 25 २५२ २५४ २५५ "" २५६ २५७ २५८ २५९ २६० २६१ २६२ 77 २६४ 79 २६९

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