Book Title: Vichar Pothi
Author(s): Vinoba, Kundar B Diwan
Publisher: Sasta Sahitya Mandal

View full book text
Previous | Next

Page 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विचार- पोथी १ आध्यात्मिक व्यवहार याने स्वाभाविक व्यवहार याने शुद्ध व्यवहार | २ हिन्दू धर्मका स्वरूप : आचार सहिष्णुता, विचारस्वातन्त्र्य, नीतिधर्म के विषय में दृढ़ता । ३ प्राप्तोंकी सेवा, सन्तोंकी सेवा दुःखितोंकी सेवा और द्वेषकर्ताओं की सेवा - यह सर्वोत्तम सेवा । 3 ४ असत्य में शक्ति नहीं है । अपने अस्तित्व के लिए भी उसे सत्यका आश्रय लेना अनिवार्य है । ५ सत्य, संयम, सेवा - यह पारमार्थिक जीवनकी त्रिसूत्री है। जीव- शुद्ध, प्रसिद्ध । आत्मा - शुद्ध, प्रसिद्ध । ईश्वर - शुद्ध, सिद्ध । ७ ईश्वर, गुरु, आत्मा, धर्म और सन्त ये पांच पूजा-स्थान । For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 107