Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai
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(५१) रसराज महोदधि।
धनियाँ मिश्री दही तीनों मिलाय पीनेसे जयपालका विष शांति होय.
९ अथ अफीमके विषकी शांति. बड़ी कटेरीके रसमें दूध मिलाय पीनेसे अफीमका विष शांति होय. १० अथ शंखियाके विषकी शांति.
घी गर्म करि पीनेसे तथा दूध मिश्री मिलाइके पीनेसे शंखियाका विष शांति होय. . ___ जो बहुत विष खालिया होय तो जुलाब देवै उलटी करावै. इति विषकी शांति समाप्त.
अथ हरताल मारनविधि. १एक तोला हरताल इन्द्रायणके एक फलमें रखके चार कपडमिट करके सुखाय डालै फिर सवासेर बिनुवा कंडोंमें फूंकदे इसी तरहसे इक्कीस इन्द्रायनमें फुकै तो हरताल पानी सोखन ( गुण) कुष्ठ रोग व अनोपान मुवाफिक सब रोग दूर करता है.
__ दूसरी विधि. हरताल दो तोला लेके घीकुवारि के रसमें दो दिन खल करै तब गोला बांधिके सुखावै फिर सनईके वियों की लुगदीमें रख कपडमिट करिकै तीन सेर कंडोंमें फूंकदे (गुण ) कोढको दूर करताहै इसका गुण वर्णने योग्य नहीं है.अनोपान मुवाफिक सब रोग दूर करताहै.
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