Book Title: Vaidhyak Rasraj Mahodadhi Bhasha Part 01
Author(s): Bhagwandas Bhagat
Publisher: Khemraj Shrikrushnadas Shreshthi Mumbai

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Page 204
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रसराज महोदधि। (१७९) अथ अच्छीरीति सिखनेका बयान. मनुष्योंको चाहियेकि अपने लड़केको बाल अवस्थामें अच्छी रीतिसे रखना औ सिखाना पढाना और बालकको चाहिये कि माता पिताकी आज्ञा माने और पढ़नेमें दिल लगावै और सफाईसे रहै और अपनी जिन्दगी गुजर करनेके वास्ते वह पेशा करै जो बाप दादा करते आये हैं फिर उपरांत इसके सादी करै और बालपनका सादी होना पीछे तकलीफ देता है क्योंकर कि कुछ विद्या नहीं सीखा काम धंधा नहीं सीखा इससे उनको शोच फिक्र करके बहुत तकलीफ होती है और उसी सोच फिकरसे नाना प्रकारके रोग पैदा होते हैं सो इस रोगको हमने अनेक तरहका इलाज अजमाया पर इसको कोई दवा काम नहीं किया सिवाय परमेश्वरकी कृपासे दूसरी दुवा काम नहीं आती और आदमियोंको चाहिये कि छोटेपनहीसे भगवानका ध्यान करें और दान पुण्य यथाशक्ति करें और बुरे कामको त्याग करें अच्छा काम करें और अच्छे आदमीकी संगति करें बुरेसे दूर रहैं-अच्छा आदमी वह जो अपनी नीतिस रहै और दूसरेका उपकार करे और बुरा आदमीचोर ज्वारी लवार बात छुटक उचक्का इनकी संगति करनेसे अनेक तरहकी तकलीफ उठानी पड़तीहै हमने इसको अच्छी तरहसे अजमायाहै For Private and Personal Use Only

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